बाकी 9 गांव के नहीं दिखने के कारण यहां पर धान की खरीदी (paddy purchase) नहीं हो पा रही है। इससे किसान परेशान हैं। कई बार किसान एसडीएम से गुहार लगा चुके हैं। वहीं जनपद सदस्य सीताराम गुप्ता के नेतृत्व में 9 गांव के किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने कलक्टर को ज्ञापन सौंप सॉफ्टवेयर में आई समस्या को दूर किए जाने की मांग की।
गौरतलब है कि भंवरलाल सहकारी समिति में पहले भंवरमाल क्षेत्र एवं रामानुजगंज क्षेत्र के गांव के किसान धान बेचते थे परंतु यहां भीड़ ज्यादा हो जाती थी। इससे किसानों को धान बेचने में परेशानी होती थी। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए स्थानीय विधायक बृहस्पत सिंह की पहल पर रामानुजगंज को नया धान उपार्जन केंद्र बनाया गया।
इसके अंतर्गत 15 गांव आते हैं परंतु 1 दिसंबर से ही सॉफ्टवेयर प्रॉब्लम के कारण 6 गांव के लोग ही धान बेच पा रहे हैं। वहीं ग्राम पुरुषोत्तमपुर, देवगई, देवीगंज, नवापारा, भितियाही सहित अन्य गांव के करीब 600 किसान अपना धान नहीं बेच पा रहे हैं।
धान नहीं बेच पाने से किसान परेशान हंै कई बार किसानों द्वारा एसडीएम को लिखित रूप में अवगत भी कराया गया है। लेकिन अब तक खरीदी शुरू नहीं हो पाई है। मंगलवार को जनपद सदस्य सीताराम गुप्ता के नेतृत्व में 9 गांव के किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने कलक्टर को ज्ञापन सौंप सॉफ्टवेयर में आई कमी को दूर किए जाने की मांग की।
कलक्टर को ज्ञापन सौंपने के दौरान आरागाही सरपंच शंभू मिंज, बलराम गुप्ता, उदय प्रजापति, गोपाल आर्मो, रामधनी आर्मो, संतोष सोयम, बंधु सिंह, राम सिंह नेताम, दिल बोध सहित कई किसान उपस्थित थे।
टोकन कटने के बाद ले आए धान
9 गांव के करीब 30-35 किसानों ने धान बेचने के लिए टोकन कटवा लिया था। वहीं लगभग 20 किसान अपना धान बेचने कृषि उपज मंडी प्रांगण में ले कर भी आ गए हैं परंतु उनका धान नहीं बिक पा रहा है। इससे किसान बहुत परेशान हैं। कृषि उपज मंडी प्रांगण में धान खुले आसमान के नीचे रखा है। वहीं मवेशी के धान खाने के डर से किसान बहुत ही चिंतित हैं। यदि इनका धान जल्द नहीं लिया जाता है तो किसानों को बहुत नुकसान हो सकता है।
टोकन कटने के बाद ले आए धान
9 गांव के करीब 30-35 किसानों ने धान बेचने के लिए टोकन कटवा लिया था। वहीं लगभग 20 किसान अपना धान बेचने कृषि उपज मंडी प्रांगण में ले कर भी आ गए हैं परंतु उनका धान नहीं बिक पा रहा है। इससे किसान बहुत परेशान हैं। कृषि उपज मंडी प्रांगण में धान खुले आसमान के नीचे रखा है। वहीं मवेशी के धान खाने के डर से किसान बहुत ही चिंतित हैं। यदि इनका धान जल्द नहीं लिया जाता है तो किसानों को बहुत नुकसान हो सकता है।
सॉफ्टवेयर का प्रॉब्लम
एक ओर जहां छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 1 दिसंबर से किसानों का धान खरीदी प्रारंभ कर दी गई है। वहीं 9 गांव के किसानों का आज 2३ वें दिन भी एक दाना धान खरीदी नहीं हो सका।
सुधार के बाद की जाएगी खरीदी
कंप्यूटर (Computer) में 6 गांव का ही नाम दिख रहा है, बाकी 9 गांव का नाम ही नहीं दिख रहा इस कारण खरीदी नहीं हो पा रही है। एनआईसी में प्रॉब्लम के कारण ऐसा हो रहा है। उच्च अधिकारियों को कई बार सूचित किया जा चुका है सुधार के बाद खरीदी की जाएगी।
इंतखाब अंसारी, प्रभारी, धान खरीदी केंद्र