बलरामपुर थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत भनौरा के सतिसेमर निवासी संतराम पिता बसंत राम 45 वर्ष का पूर्व में दिमागी संतुलन बिगड़ जाता था। आर्थिक तंगी के कारण उसके पिता द्वारा जमीन बेच (Land sold) कर उसका कई बार उपचार कराया गया था।
जब संतराम की दिमागी स्थिति ठीक हुई तो उसे पता चला कि उसके जमीन को उसके चाचा पन्नालाल व बलरामपुर क्षेत्र के इंद्रदेव गुप्ता सहित अन्य लोग खरीद कर खेती कर रहे हैं। इसके बाद से वह इनसे रंजिश रखने लगा था और इंद्रदेव के साथ भी एक बार मारपीट की थी। वहीं वह अपने चाचा पन्नालाल से भी झगड़ा विवाद करता था।
इस बीच रविवार की सुबह पन्नालाल अपने घर के समीप बैठा हुआ था, इसी दौरान भतीजा संतराम अपने हाथ में टांगिया लेकर छिपते हुए वहां पहुंचा और चाचा के सिर सहित शरीर के अन्य हिस्सों में ताबड़तोड़ वार कर दिया।
हो-हल्ला सुनकर जब चाची कलिया बाई बाहर निकली तो आरोपी ने उसे भी मारने के लिए दौड़ाया। इसके बाद उसने वहां से भाग कर किसी तरह से अपनी जान बचाई। इधर टांगी के हमले से गंभीर रूप में घायल हुए पन्नालाल की मौके पर ही मौत हो गई।
पुलिस ने गिरफ्तार कर भेजा जेल
सूचना पर बलरामपुर पुलिस मौके पर पहुंच कर शव को पीएम के लिए अस्पताल भेज कर आरोपी को पकड़ कर थाने ले गई। मामले में मृतक के भांजा छोटेलाल की रिपोर्ट पर बलरामपुर पुलिस ने चाचा के हत्या के जुर्म में भतीजे संतराम पिता बसंत के खिलाफ धारा 302 के तहत जुर्म दर्ज किया। पुलिस ने सोमवार को उसे न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया।
सूचना पर बलरामपुर पुलिस मौके पर पहुंच कर शव को पीएम के लिए अस्पताल भेज कर आरोपी को पकड़ कर थाने ले गई। मामले में मृतक के भांजा छोटेलाल की रिपोर्ट पर बलरामपुर पुलिस ने चाचा के हत्या के जुर्म में भतीजे संतराम पिता बसंत के खिलाफ धारा 302 के तहत जुर्म दर्ज किया। पुलिस ने सोमवार को उसे न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया।