वहीं 3 दिन पूर्व जब महिला का पैर फिसलने से कुल्हा टूटा तो घरवालों ने डॉक्टर अजय तिर्की से अंबिकापुर आकर इलाज कराने का अनुरोध किया तो उन्होंने खुद रामानुजगंज आकर बुजुर्ग महिला का इलाज कर राहत दी। डॉ. अजय तिर्की की इस सेवा भावना की जमकर सराहना हो रही है।
गौरतलब है कि नगर के वार्ड क्रमांक 10 निवासी अखतरुन निशा उम्र 75 वर्ष का घर में पैर फिसलने से कुल्हा टूट गया था जिसके इलाज के लिए घर वालों ने डॉक्टर अजय तिर्की से बात की एवं अंबिकापुर उनके पास जाकर इलाज कराना चाह रहे थे।
लेकिन डॉ अजय तिर्की बुजुर्ग महिला की स्थिति समझते हुए रामानुजगंज के नजदीक अपने नवापारा स्थित घर पर आए, फिर यहां महिला का इलाज किया। घर वालों ने बताया कि जब 6 साल पहले पैर टूटा था तब डॉ. अजय तिर्की द्वारा सफलतापूर्वक इलाज किया गया था।
तब से घर वालों का अटूट विश्वास डॉक्टर अजय तिर्की की चिकित्सा पर है। इस कारण घरवाले चाहते थे कि डॉक्टर अजय तिर्की से ही इलाज कराएं।
पिछली बार भी किया था नि:शुल्क इलाज
बुजुर्ग महिला के पुत्र राजू ने बताया कि पिछली बार भी मां का इलाज डॉक्टर अजय तिर्की द्वारा किया गया था। वहीं इस बार भी इलाज उन्होंने ही किया। हम पैसा देने की जिद करते रहे परंतु उन्होंने एक रुपए भी इलाज के नाम पर नहीं लिया।
पिछली बार भी किया था नि:शुल्क इलाज
बुजुर्ग महिला के पुत्र राजू ने बताया कि पिछली बार भी मां का इलाज डॉक्टर अजय तिर्की द्वारा किया गया था। वहीं इस बार भी इलाज उन्होंने ही किया। हम पैसा देने की जिद करते रहे परंतु उन्होंने एक रुपए भी इलाज के नाम पर नहीं लिया।
डॉ. तिर्की से ही इलाज कराने की थी जिद
75 वर्षीय बुजुर्ग महिला का कुल्हा टूटने के बाद वह बार-बार अपने पुत्र से डॉक्टर अजय तिर्की से ही इलाज कराने की जिद कर रही थी। इस कारण घर वालों ने डॉ अजय तिर्की से ही संपर्क साधा। घरवाले भी चाहते थे कि डॉक्टर अजय तिर्की ही इलाज करें।
2004 से 2011 तक दे चुके हैं सेवाएं
डॉ. अजय तिर्की ने 2004 से 2011 तक रामानुजगंज में अपनी सेवाएं दी थी। इसके बाद उनका स्थानांतरण अंबिकापुर जिला चिकित्सालय (Ambikapur Medical college hospital) में हो गया था जहां आरएमओ के रूप में उन्होंने कार्य किया था। रामानुजगंज में अपने पदस्थापना के दौरान उनके चिकित्सकीय कार्य की सेवा भावना से सभी प्रभावित थे।