पुलिस ने जब जांच की तो वहां सुसाइड नोट बरामद हुआ। बताया जा रहा है कि मृतिका का शंकरगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम भरतपुर के एक युवक के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था, वह कुछ दिन उसके साथ भी रही थी, लेकिन किसी बात को लेकर उनके बीच विवाद हो गया था तब युवक युवती के साथ मारपीट कर उसे उसके घर कोदवा पहुंचाने आया था। जब युवती की मां को पता चला कि युवक ने उसकी बेटी के साथ मारपीट की है तो उसने उसी समय युवक को दो-तीन तमाचे जड़ दिए थे।
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इसके बाद युवक वहां से चला गया था, लेकिन जब गांव व समाज के लोगो को घटना की जानकारी हुई तो उन्होंने पंचायत बैठाकर युवती के पिता को हर्जाना भरने के लिए दबाव बनाया। हर्जाने में समाज के लिए बतौर बकरा, नकदी व खाने-पीने का इंतजाम करने को कहा गया। समाज की मांगें पूरी नही होने पर समाज से बहिष्कृत कर हुक्का-पानी बंद करने का फरमान सुनाया गया था। इस तरह की परिस्थिति से युवती तनाव में आ गई और उसने घर से भागकर आत्महत्या कर ली। उसने सुसाइड नोट में इस बात का जिक्र किया था कि मेरे पिता द्वारा बकरे आदि की व्यवस्था कर देने के बाद भी उन्हें नकदी रकम समाज में जमा करने के साथ कई तरह से प्रताडि़त किया जा रहा है।
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सुसाइड नोट में उसने प्रताडि़त करने वाले कुछ लोगों के नाम का भी जिक्र किया था। इसी आधार पर पुलिस ने पूरे मामले की जांच की और कोदवा गांव के बोधन राम, मौर्या उर्फ संत कुमार व अर्जुन के खिलाफ धारा 306, 327, 34 के तहत अपराध दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। यहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।Click & Read More Chhattisgarh News.