रामानुजगंज के वार्ड क्रमांक 1 निवासी 39 वर्षीय सत्यानंद पांडेय को उनके 63 वर्षीय पिता सूर्यमणि पांडेय ने किडनी देकर जान बचाई। दरअसल सत्यानंद को 2016 से शुगर की बीमारी है। वे वर्ष 2022 से दोनों टाइम इंसुलिन का इंजेक्शन ले रहे हैं। किडनी में इंफेक्शन होने के बाद सत्यानंद रायपुर एवं दिल्ली के अस्पतालों में कई बार इलाज करने गए।
इस बीच उन्हें तमिलनाडू के केएमसीएच कोयंबटूर में डॉक्टर विवेक पाठक के बारे में किसी ने बताया। वहां जांच कराई तो किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह दी गई। कागजी प्रक्रिया में करीब 3 माह का समय व्यतीत हो गया, जबकि किडनी ट्रांसप्लांट व इलाज में 3 माह लगा।
किडनी ट्रांसप्लांट होने के बाद सत्यानंद एवं उनके पिता पूरी तरह से स्वस्थ हैं। 6 जून को केएमसीएच में सत्यानंद का किडनी ट्रांसप्लांट हुआ।
Father donate kidney: बचपन से थी एक किडनी
शुगर की बीमारी से पीडि़त सत्यानंद ने वर्ष 2020 में बालाजी हॉस्पिटल बनारस में सोनोग्राफी कराया तो पता चला कि उनकी एक ही किडनी है। इसमें इंफेक्शन होने लगा था। ऐसे में केएमसीएच के डॉक्टर विवेक पाठक ने डायलिसिस की जगह किडनी ट्रांसप्लांट (Father donate kidney) की सलाह दी थी। यह भी पढ़ें
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पिता, बहन एवं पत्नी थे किडनी देने को तैयार
सत्यानंद को जब किडनी की जरूरत पड़ी तो पिता सूर्यमणि पांडे, पत्नी स्मिता पांडे एवं बहन सरिता शुक्ला किडनी देने को तैयार थे। लेकिन जब उनका चेकअप किया गया तो पिता एवं पुत्र का ब्लड ग्रुप मिला। इसके बाद पिता ने किडनी डोनेट दिया।विपरीत परिस्थिति में भी बनाए रखी हिम्मत
शुगर की बीमारी से लड़ रहे सत्यानंद को एक किडनी (Father donate kidney) के बारे में पता चला। इसे भी ट्रांसप्लांट कराने की बात डॉक्टर ने कही। इस परिस्थिति में भी सत्यानंद के चेहरे पर मुस्कान बनी रही। उनके हौसले व हिम्मत ने ही उन्हें बीमारी से लडऩे की ताकत दी। यह भी पढ़ें