बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के ग्राम महावीरगंज निवासी 62 वर्षीय परमेश्वर यादव बकरी चराने सुबह कनकपुर जंगल की ओर गया था। दोपहर में बारिश के बाद सभी बकरियां वापस आ गर्इं। जब परमेश्वर घर नहीं आया तो उसके दोनों पुत्र पिता को ढूंढने शाम को जंगल की ओर गए, जहां उन्हें हाथी से कुचलने के बाद मृत पिता का शरीर मिला।
वे पिता का शव उठाकर लाना चाह रहे थे परंतु हाथियों को आता देख वहां से भाग खड़े हुए। देर शाम विधायक बृहस्पत सिंह को जब जानकारी मिली तो वे मौके पर पहुंचे। उनकी मौजूदगी में ग्रामीणों व वन अमले द्वारा मृतक का शव ढंूढने 2 से 3 घंटे तक प्रयास किया गया परंतु सफलता नहीं मिली।
फिर शुक्रवार की सुबह पुन: ग्रामीण एवं वन विभाग की टीम द्वारा शव खोजा गया। रेंजर संतोष पांडे ने बताया कि 12 हाथियों का दल गुरुवार को ही झारखंड से छत्तीसगढ़ की सीमा में प्रवेश किया था, अभी भी हाथी का दल चिनिया जंगल में मौजूद है। पांडे ने जंगल की ओर ग्रामीणों को नहीं जाने की अपील की है।
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टॉर्च-पटाखे लेकर जंगल में घुसे विधायक
शाम तक घटना की जानकारी वन विभाग पुलिस विभाग एवं ग्रामीणों को लग चुकी थी। इसके बाद भी कोई भी जंगल की ओर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था, क्योंकि हाथी के आस पास की होने की संभावना थी।
जब विधायक बृहस्पत सिंह को इस बात की जानकारी मिली तो वे अपने साथ टार्च एवं पटाखा लेकर अन्य लोगों के साथ शव को जंगल में ढूंढते रहे। करीब 2 से 3 घंटा तक घने जंगल में शव को ढूंढने का बहुत प्रयास किया परंतु नहीं मिलने के बाद रात करीब 11 बजे वे वापस लौट गए। वहीं जिला पंचायत सभापति राजेश यादव ने भी जेसीबी लेकर जंगल में शव ढूंढने का प्रयास किया।
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हाथी-मानव के बीच बढ़ रहा द्वंद्व
जिस प्रकार से लगातार जंगलों की तेजी से कटाई हो रही है। जंगल में भी लोग घर बनाने एवं अन्य निर्माण कार्य से बाज नहीं आ रहे, इससे जंगली जानवरों के लिए जंगल का दायरा लगातार छोटा होते जा रहा है। इसका परिणाम हाथी एवं मानव के बीच हो रहे द्वंद्व के रूप में सामने आ रहा है।