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टॉप टेन से बाहर हुआ था शहर लचर स्वच्छता सिस्टम के कारण ही पिछले साल हमारा शहर रैंकिंग में टॉप टेन से बाहर हो गया था, जिसकी रैंकिंग देश के स्मार्ट शहरों में 6 हुआ करती थी। यह जरूर है कि पिछली बार सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट अधूरे होने के कारण काफी नंबर कटे थे, (Chhattisgarh News) लेकिन इस बार इसमें अच्छा नंबर मिलने की उम्मीद है। क्योंकि खारुन नदी में गिरने वाले बड़े नालों की गंदगी रोकने के लिए भाठागांव, निमोरा और कारा में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट चालू हो गया है और चंदनीडीह में चालू करने की तैयारी है। यह भी पढ़ें
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अभियान जारी राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण टीम एक सप्ताह के अंदर कभी भी आ सकती है। वार्डों में सफाई मित्रों के साथ लगातार अभियान चल रहा है। इस बार अधिक नंबर मिलने की उम्मीद है। क्योंकि 206 एमएलडी क्षमता का एसटीपी चालू है। – योगेश कडू, एसडीओ, स्वच्छता मिशन निगम
बदतर हो गया बूढ़ातालाब पिछले साल शहर के ऐतिहासिक बूढ़ातालाब में फव्वारा, लाइटिंग के कार्य करोड़ों रूपए की लागत से कराए गए। वह अब धूमिल हो चुका है।(Raipur News in Hindi) तालाब का परिक्रमा पथ खुदाई से बदहाल है। वहीं महाराजबंद तालाब में एसटीपी के लिए लंबा-चौड़ा गड्ढा खोदा जा चुका है। ऐसे में देखने लायक कंकाली तालाब, तेलीबांधा मरीन ड्राइव व नरैया तालाब से उम्मीद की जा रही है। बाकी तालाबों में ज्यादा कुछ सुधार हुआ नहीं।
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नहीं बंटी डस्टबिन, सूखा-गीला कचरा एक साथ घर-घर से सूखा और गीला कचरा अलग-अलग कलेक्शन कराने के मामले में निगम को कामयाबी नहीं मिली है। न ही इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाया गया। कुछ दिनों तक जागरूकता अभियान चलाया गया है, वह अब ठंडा पड़ गया है। (CG Raipur News) इसलिए लोग एक ही डस्टबीन में दोनों तरह के कचरे भरकर डोर-टू-डोर कचरा गाड़ी को दे रहे हैं। इस दिशा में निगम प्रशासन अभी तक डस्टबीन भी बांटने का काम नहीं कराया। जबकि मार्च महीने में हुई सामान्य सभा में ऐलान किया गया था।