शुरू से मेधावी रहीं प्रियंका ने अपनी 12वीं तक की पढ़ाई रामानुजगंज से की। इसके बाद एनआईटी रायपुर से कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग में बीटेक की पढ़ाई पूरी की। फिर चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में अपनी सेवाएं दीं।
बेंगलुरु में सेवाकाल के दौरान उन्हें वहां पर शिक्षा एवं टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हुए तेजी से विकास से प्रेरणा मिली एवं छत्तीसगढ़ के ग्रामीण एवं पिछड़े अंचल में भी इसकी आवश्यकता महसूस हुई। फिर प्रियंका ने सिविल सेवा में आने का दृढ़ निश्चय किया।
प्रियंका का चयन छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में पूर्व में जीएसटी इंस्पेक्टर के रूप में हुआ था। जीएसटी इंस्पेक्टर के रूप में बिलासपुर में अपनी सेवाएं देने के दौरान भी प्रियंका ने सतत अध्ययन नहीं छोड़ा।
अब उनका चयन नायब तहसीलदार के लिए हुआ है। प्रियंका भविष्य में शिक्षा एटेक्नोलॉजी एवं हेल्थ के क्षेत्र में अपना योगदान देना चाहती हैं।
युवाओं को बताया सक्सेस मंत्र
प्रियंका भारतीय क्रिकेट के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को अपनी प्रेरणा मानती हैं। उन्होंने युवाओं को सक्सेस मंत्र देते हुए कहा कि सिविल सेवा की परीक्षा के लिए कठिन मेहनत के अलावा धैर्य एवं सतत प्रयास की आवश्यकता होती है। जिसने विपरीत परिस्थिति में खुद को शांत एवं संतुलित रख लिया, वह आराम से सफलता प्राप्त कर सकता है।
युवाओं को बताया सक्सेस मंत्र
प्रियंका भारतीय क्रिकेट के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को अपनी प्रेरणा मानती हैं। उन्होंने युवाओं को सक्सेस मंत्र देते हुए कहा कि सिविल सेवा की परीक्षा के लिए कठिन मेहनत के अलावा धैर्य एवं सतत प्रयास की आवश्यकता होती है। जिसने विपरीत परिस्थिति में खुद को शांत एवं संतुलित रख लिया, वह आराम से सफलता प्राप्त कर सकता है।
भाई भी डिप्टी कलेक्टर पद पर हुए थे चयनित
पूर्व में प्रियंका के भाई प्रशांत कुशवाहा ने छत्तीसगढ़ पीएससी 2017 में टॉप किया था, जो वर्तमान में जशपुर में डिप्टी कलेक्टर के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। प्रशांत एवं प्रियंका की प्रारंभिक पढ़ाई नगर के सरस्वती शिशु मंदिर में हुई एवं दोनों सिविल सेवा में चयनित होकर हजारों युवाओं के लिए प्रेरणा बने हैं।