बलरामपुर

CG wood smuggling: अंतरराज्यीय तस्करों ने जंगल में छिपाकर रखी थीं लाखों की लकडिय़ां, वन विभाग ने 200 नग किए जब्त

CG wood smuggling: ग्रामीणों ने जंगल के भीतर इतनी मात्रा में खैर की लकडिय़ां देखी तो वन विभाग को दी सूचना, वन विभाग की टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए लकडिय़ां की जब्त

बलरामपुरJul 03, 2024 / 09:06 pm

rampravesh vishwakarma

रामानुजगंज. CG wood smuggling: वन परिक्षेत्र धमनी के अंतर्गत ग्राम सुंदरपुर में सडक़ से लगभग 150 मीटर भीतर जंगल में बड़ी मात्रा में खैर पेड़ों की लकडिय़ां छिपाकर तस्करी (CG wood smuggling) के लिए रखी गईं थीं। इसकी सूचना जब स्थानीय ग्रामीण से वन विभाग को मिली तो लकड़ी को जब्त कर वन विभाग के कार्यालय लाया गया। जब्त लकड़ी 11.235 घन मीटर बताई जा रही है जिनकी संख्या 200 नग है। इसकी कीमत लाखों रुपए में बताई जा रही है।

गौरतलब है कि सुंदरपुर जंगल में बड़ी संख्या में खैर की लकडिय़ां छिपाकर रखी गर्इं थीं। जब ग्रामीणों ने देखा तो तत्काल इसकी सूचना वन विभाग को दी। सूचना पर वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर लकडिय़ों को जब्त कर लिया।
खैर की लकडिय़ों को अंतरराज्यीय तस्करों (CG wood smuggling) द्वारा कुछ स्थानीय लोगों के सहयोग से गांव-गांव में जाकर खरीद कर धीरे-धीरे एक जगह जमा किया गया था। तस्करों के उठाने के पूर्व ग्रामीण ने इसे देख लिया एवं इसकी सूचना वन विभाग को दे दी।
बताया जा रहा है कि सुंदरपुर में खैर की इतनी लकड़ी नहीं है, इसे धमनी, गडग़ोड़ी सहित अन्य स्थानों से लाकर जमा किया गया था। रेंजर अजय वर्मा ने बताया कि खैर की लकडिय़ों को जब्त कर लिया गया है।
आगे की कार्रवाई के लिए तहसीलदार को लिखित में सूचना दे दी गई है। दरअसल तस्करों को खैर की लकड़ी की मुंह मांगी कीमत मिलने और खैर पेड़ की मांग रहने के कारण इसकी व्यापक पैमाने पर तस्करी की जा रही है।
वन तस्करों द्वारा जंगल से खैर पेड़ों की अंधाधुंध कटाई करा दी गई है। अब खैर के पेड़ ग्रामीणों के खेतों में ही देखे जाते हंै, तस्कर सक्रिय रहते हैं एवं घूम-घूम कर खैर का पेड़ खोज कर ग्रामीणों को पेड़ कटवाकर खरीद लेते हैं।

यहां घर के बाहर रखी 42 नग लकडिय़ां जब्त

ग्राम बिशुनपुर के राम लखन पिता वासुदेव सिंह के घर के बाहर रखे 42 नग खैर की लकडिय़ां वन विभाग द्वारा जब्त की गई जो 1.894 घन मीटर है। ग्रामीण ने बताया कि इलाज के लिए पैसा की जरूरत थी इसलिए अपने जमीन से काटकर बेचा था लकड़ी अभी उठा नहीं था इस कारण घर के बाहर रखा हुआ था।
CG wood smuggling

खैर पेड़ पर इसलिए रहती है वन तस्करों की नजर

खैर में औषधीय गुण होते हैं। साथ ही कत्था बनाने और चमड़ा उद्योग में उपयोग के लिए मांग होने की वजह से खैर के पेड़ जंगलों से लुप्त हो गए हैं।
उत्तर प्रदेश में काफी महंगे दाम पर खैर की लकड़ी बिकती है इसे प्रति किलो के हिसाब से खरीदा जाता हैं। खैर पेड़ की हमेशा मांग बनी रहती है जिससे तस्कर इसका मुंह मांगी कीमत देने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं, ग्रामीणों को पैसा देकर यह पेड़ कटवा लेते हैं।

संबंधित विषय:

Hindi News / Balrampur / CG wood smuggling: अंतरराज्यीय तस्करों ने जंगल में छिपाकर रखी थीं लाखों की लकडिय़ां, वन विभाग ने 200 नग किए जब्त

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.