scriptअनोखी बारात: दुल्हन को लेने कार की जगह बैलगाड़ी से पहुंचा दूल्हा, देखने उमड़ा पूरा गांव | The groom arrived in a bullock cart to pick up the bride. | Patrika News
बलोदा बाज़ार

अनोखी बारात: दुल्हन को लेने कार की जगह बैलगाड़ी से पहुंचा दूल्हा, देखने उमड़ा पूरा गांव

लग्जरी गाड़ियों के बजाये बारात बैलगाड़ी से दुल्हन के घर पहुंची। बारात पांडुका क्षेत्र के अतरमरा गांव के गणेश्वर ध्रुव ने अपनी दुल्हनिया को लेने बैल गाड़ी से निकले…

बलोदा बाज़ारMay 12, 2024 / 01:29 pm

चंदू निर्मलकर

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CG hindi news: गाड़ियों की चकाचौध के बीच शुक्रवार को एक ऐसी बारात निकली जिसको देखने के लिए लोग घरों से निकले। लग्जरी गाड़ियों के बजाये बारात बैलगाड़ी से दुल्हन के घर पहुंची। शुक्रवार को बैलगाड़ी से बारात पांडुका क्षेत्र के अतरमरा गांव के गणेश्वर ध्रुव ने अपनी दुल्हनिया को लेने बैल गाड़ी से निकले।
खनखन करते बैल के घुंघरू की आवाज सुन हर कोई अपने घरों से निकलकर बारात देखने लगे। बारात देखने के लिए ग्रामीणों की भारी भीड़ जुटी थी। दरअसल, छत्तीसगढ़ी परंपरा को निभाते दूल्हा बैलगाड़ी पर सवार होकर अपनी दुल्हनियां को लेने के लिए निकला। आज के आधुनिक जमाने में देसी अंदाज की बारात, बैलगाड़ी पर सवार दूल्हे को लोग देखते रह गए।
अपनी दुल्हनियां को लेने के लिए बैलगाड़ी पर सवार होकर जब दूल्हा निकला तो हर कोई उसे निहारने लगा। आभूषण के साथ धोती, कमीज और पारंपरिक वेशभूषा में सजे दूल्हे ने कहा कि उसने अपनी परंपरा निभाई है। देसी अंदाज में निकली इस बारात की लोगों ने जमकर सराहना की गई।
बारात दोपहर एक बजे ध्रुव पारा से निकली बारात शाम चार बजे स्कूल पारा अतरमरा पहुंची। इस दौरान रास्ते से गुजर रही बारात को लोग अपने दरवाजे, खिड़की और छतों पर खड़े होकर देखते रहे। साथ ही लोगों की फोटो और सेल्फी लेने की होड़ लग गई।
छत्तीसगढ़ की संस्कृति को सुरक्षित करने का प्रयास किया मॉर्डन जमाने में देसी अंदाज की बारात को देखकर बुजुर्गों ने पुराने समय को याद किया। इस प्राचीन परंपरा को देख कर लोग बहुत खुश नजर आ रहे थे। बेहद सादगी भरी इस परंपरा को खर्चीली शादियों से बचने के लिए एक मिसाल के तौर पर जानी जाएगी। छत्तीसगढ़ी संस्कृति को संरक्षित रखने के अच्छा प्रयास किया है।
आने वाली पीढ़ी को करेगी प्रेरित

गणेश्वर ध्रुव का यह प्रयास आने वाली पीढ़ी को सामाजिक दिशा की ओर रुख करने का बेहतर तरीका है। आज हमारे कई विभिन्न प्रकार के परंपराएं विलुप्त होने के कगार पर है। उन्हें सुरक्षित करना बहुत जरूरी है। उन्हें गर्व है कि आज के युवा पीढ़ी के लोग अपने संस्कृति और परंपराओं को न भूलते हुए उन्हें संरक्षित रखने के साथ आने वाली पीढ़ी को प्रेरित भी कर रहे हैं।

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