बता दें कि सोमवार को ढाबाडीह में बंद पड़े पत्थर खदान में एक लाश मिली थी। यह
रायपुर में जोरा स्थित किन्नर आश्रम में रहने वाली काजल की थी। मामले में पुलिस ने साथी किन्नर तपस्या उर्फ मो. इमरान भोईर (36) और निशा श्रीवास (51) के साथ 3 सुपारी किलर हिमांशु बंजारे (28), कुलदीप कुरील (29) और अंकुश चौधरी (28) को भी गिरफ्तार किया है।
लीडर बनना चाहती थी तपस्या
पूछताछ में तपस्या ने बताया कि मुंबई से वह 4 साल पहले रायपुर आई थी। वह शुरू से किन्नरों की लीडर बनना चाहती थी। लेकिन, आश्रम नायक का झुकाव काजल की ओर अधिक था। किन्नरों की अगली लीडर काजल न बन जाए, इसलिए उसने उसे अपने रास्ते से हटाने की ठानी। इसमें उसने अपनी साथी निशा की मदद ली।
निशा ने अपने ड्राइवर हिमांशु से इस बारे में बात की। उसने अपने दो साथियों कुलदीप और अंकुश को काजल को ठिकाने लगाने के लिए तैयार कर लिए। बदले में तीनों को 12 लाख रुपए लेने की बात की। तपस्या ने जैसे-तैसे 12 लाख जोड़े और निशा के जरिए हिमांशु को काजल की सुपारी दी।
Kajal Kinnar Murder Case: काजल भी बनना चाहती थी मठ प्रमुख
आरोपियों के कब्जे से साढ़े 10 लाख रुपए बरामद किया गया है। पुलिस के मुताबिक, किन्नर काजल किन्नर मठ का प्रमुख बनना चाहती थी। तपस्या के मठ प्रमुख बनने के रास्ते की सबसे बड़ी चुनौती काजल थी। इसलिए मुख्य आरोपी तपस्या ने 12 लाख की सुपारी देकर काजल की
हत्या करा दी।