MLA Devendra Yadav: बता दें कि मामले में विधायक देवेंद्र को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस पिछले एक महीने से तैयारी कर रही थी। विधायक को पहला नोटिस जुलाई में भेजा गया था। तीसरा नोटिस भेजने के बाद भी पुलिस थाने में उनका इंतजार कर रही थी और विधायक का पत्र आया कि पारिवारिक कारणों से बाहर हूं। थाने नहीं आ सकता।
MLA Devendra Yadav Arrested: 100 से भी ज्यादा पूछे सवाल
MLA Devendra Yadav Arrested: पुलिस ने चौथी नोटिस भेजी। इस बार विधायक पेश हुए। घंटों चली पूछताछ में बताते हैं कि पुलिस अफसरों ने विधायक से 100 से भी ज्यादा सवाल पूछे थे। ये सारे सवाल इन्हीं बिंदुओं के ईर्द-गिर्द थे कि देवेंद्र यादव इस आयोजन में शामिल ही क्यों हुए थे। दरअसल बलौदाबाजार में जिस प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़की, वह सतनामी समाज का कार्यक्रम था। कोई राजनीतिक आयोजन नहीं था। यह भी पढ़ें
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सवालों पर नहीं मिले संतोषजनक जवाब
देवेंद्र कांग्रेस से विधायक हैं और यादव समाज से आते हैं। फिर वे यहां क्या करने आए थे? हिंसा भड़कने के बाद आगजनी और तोड़फोड़ हुई, उसमें देवेंद्र की क्या भूमिका थी। सूत्रों की मानें तो पुलिस को इन सवालों पर संतोषजनक जवाब नहीं मिले। इसी के चलते उन्हें पांचवी, फिर छठवीं नोटिस भी जारी की गई। विधायक सवालों के जवाब देने नहीं आए। इसके बाद ही पुलिस इस बार पूरी तैयारी के साथ उन्हें गिरफ्तार करने भिलाई गई थी। पुलिस को पता था कि कार्यकर्ताओं की भीड़ रहेगी, इसलिए अतिरिक्त जवान भी भेजे गए थे।
आंखो-देखी… रास्ता बदला, फिर भी छूटे पसीने, कोर्ट के बाहर रात 11 तक भीड़
शनिवार को विधायक देवेंद्र यादव ( MLA Devendra Yadav Arrested ) के गिरफ्तार होने की सूचना शाम 4.30 बजे ही मिल गई थी। माना जा रहा था कि पुलिस रायपुर रोड से देवेंद्र को लेकर आएगी। लेकिन, भिलाई से पुलिस की इनोवा गाड़ी चली थी, तभी से कांग्रसियों की 2 दर्जन से ज्यादा गाड़ियां भी पुलिस के रास्ते लग गई थी। रायपुर के रास्ते लाते तो संभव था कि रास्ते में और भी जगहों पर कांग्रेसी इकट्ठा होते। ऐसे में पुलिस देवेंद्र को भाटापारा रोड से बलौदाबाजार लेकर आई। इसके लिए बलौदाबाजार से भाटापारा जाने वाला सड़क पौन घंटे पहले ही ब्लॉक कर दी गई थी। रात करीब 8 बजे देवेंद्र बलौदाबाजार पहुंचे। पुलिस पीछे के दरवाजे से उदन्हें थाने ले गई।
कुछ कागजी लिखापढ़ी के बाद कंट्रोल रूम ले गई। यहां भी करीब एक घंटे तक पूछताछ चली। इधर, भिलाई, दुर्ग और रायपुर से भी कांग्रेस कार्यकर्ता गाड़ी भर-भरकर बलौदाबाजार पहुंचने लगे थे। रात करीब 10 बजे कोर्ट के दरवाजे खुले। जज ने 20 अगस्त तक रिमांड मंजूर की। इसके बाद पुलिस को बाहर गाड़ी तक ले जाने और बिठाने में पुलिसवालों के पसीने छूट गए। जबरदस्त भीड़ और हंगामे के बीच पुलिस और कार्यकर्ताओं केे बीच तीखी नोक-झोंक भी हुई।
सनम जांगड़े की भूमिका की भी जांच हो: कांग्रेस
देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी को राजनीतिक षडयंत्र बताते हुए कांग्रेस जिलाध्यक्ष हितेंद्र ठाकुर ने कहा, मामले में भाजपा जिलाध्यक्ष सनम जांगड़े की भूमिका की जांच क्यों नहीं होती। अमरगुफा में जब जैतखाम को काटा गया, तो सतनामी समाज प्रशासन को ज्ञापन सौंपने गया था। तब जांगड़े भी उनके साथ थे। असल आरोपियों के न पकड़े जाने पर उग्र आंदोलन की बात भी कही थी। आंदोलन वाले दिन भी कई भाजपाई सभा स्थल पर मौजूद थे। पुलिस जिस तत्परता के साथ मौजूदगी के आधार पर कांग्रेस नेताओं की गिरफ्तारी कर रही है, फिर भाजपाइयों को क्यों छोड़ रही है? सनम की भूमिका संदिग्ध होने के बाद भी उन्हें एक नोटिस नहीं भेजा गया है।
भूपेश जांच करा लें, मैं सही तो पद छोड़ दें: सनम
वहीं कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष सनम जांगड़े ने कहा, बलौदाबाजार अग्निकांड में भूपेश बघेल बार-बार मेरा नाम ले रहे हैं। भूपेश को लगता है कि हिंसा में मेरी भूमिका संदिग्ध है, तो वे चाहें जिस भी स्वतंत्र एजेंसी से जांच करवा लें। 10 जून को भड़की हिंसा में किसी भी तरह से मेरी भूमिका संदिग्ध पाई जाती है तो मैं तमत्काल अपने पद से इस्तीफा दे दूंगा। अगर भूपेश मैं सही साबित हुआ तो भूपेश को अपने पद से इस्तीफा देना होगा। अब भूपेश बताएं, क्या वे कोरे आरोप लगाते रहेंगे या आगे आकर मेरी खुली चुनौती स्वीकार करेंगे। सनम ने खुद पर लगे कांग्रेस के सभी तरह के आरोपों को पूरी तरह से नकार दिया है।