एसएसपी सदानंद कुमार ने पूरे मामले का खुलासा करते हुए बताया, रोड के रास्ते गांजा तस्करी होने की सूचनाएं लगातार मिल रहीं थीं। इसी दौरान रविवार को कसडोल टीआई परिवेश तिवारी को मुखबिर से पता चला कि सारंगढ़-बिलाईगढ़ की ओर से एक एंबुलेंस आ रही है, जिसमें बड़ी मात्रा में गांजा है। ऐसे में बलौदाबाजार-भाटापारा रोड में एक पेट्रोल पंप के पास नाकेबंदी की गई। इसी बीच संदिग्ध एंबुलेंस भी आ पहुंची। इसमें दो लोग सागर चौहान (24) कुम्हारी दुर्ग और वकील कुमार गौतम (31) उत्तरप्रदेश सवार थे। तलाशी के दौरान एंबुलेंस के पीछे प्लास्टिक की 24 भरी बोरियां मिलीं। इन्हें खोला गया तो इनमें गांजा भरा था। नापतोल कराया तो 7.52 क्विंटल किलो निकला।
तीन अलग-अलग राज्यों के नंबर प्लेट मिले एंबुलेंस की जांच में पुलिस को डैशबोर्ड से तीन अलग राज्यों के नंबर प्लेट भी मिले हैं। पुलिस का मानना है कि आरोपी तस्करी के दौरान एंबुलेंस का नंबर प्लेट बदलते रहते थे, ताकि पकड़े न जाएं। पूछताछ में पता चला है कि आरोपी एंबुलेंस को रायपुर से आरंग, बसना, सरायपाली होते हुए बरगढ़ ओडिशा ले गए।
वहां से गांजा लेकर सुहेला, डोंगरीपाली, बरमकेला, सारंगढ़, गिधौरी, लवन, बलौदाबाजार, भाटापारा होते हुए मध्यप्रदेश जाने की योजना थी। एंबुलेंस नवी मुंबई के हेमंत सिंह के नाम पर दर्ज है। उन्होंने यह गाड़ी शिवशंकर नामक व्यक्ति के माध्यम से दिल्ली में रहने वाले किसी अंकित को बेची थी। लेकिन, अब तक वाहन स्वामी का नाम ट्रांसफर नहीं कराया गया है। प्रकरण में एंबुलेंस स्वामी हेमंत सिंह, अब्दुल अंसारी निवासी कोरबा और भिलाई निवासी प्रतीक की तलाश जारी है।