अप्रैल तथा मई माह में जिस प्रकार जलाशय सूख जाते थे, यही हाल इस वर्ष सावन में है। बीते कुछ सालों तक सावन माह यानी झमाझम बारिश तथा सावन की झड़ी का रहता था। कई-कई दिनों तक लोग सावन की झड़ी का आनंद लेते थे। परंतु इस वर्ष पहली बार है कि सावन माह में भी लोग भीषण गर्मी तथा तेज धूप से परेशान हैं।
छुईहा जलाशय, कुकुरदी जलाशय, खैरा जलाशय (लाल बांधा) मेेंं कुछ सालों पूर्व तक जुलाई अंत तक छह से सात फीट तक पानी भरा रहता था। ग्रामीण इलाकों के तालाब भी लबालब हो जाते थे। परंतु इस वर्ष हालात पूरी तरह से बदल चुके हैं। कुकुरदी तथा छुईहा ग्राम के ग्रामीणों ने बताया कि इस वर्ष सावन माह में जितना बुरा हाल जलाशयों का है, उतना अब तक कभी नहीं रहा है। छुईहा जलाशय में इतना कम पानी बचा है कि लोगों ने निस्तारी करना भी बंद कर दिया है।
कुकुरदी जलाशय से कुकुरदी, ढनढनी, रिसदा, परसाभदेर, कोकड़ी, भाटागांव आदि ग्रामों, छुईहा जलाशय से सोनपुरी, बलौदा बाजार, अचानकपुर, परसाभदेर, खैरघटा, पहंदा, शुक्लाभाटा आदि ग्रामों तथा खैरा लाल बांधा जलाशय से खैरा, हरदी, पहंदा, तुरमा आदि ग्रामों के किसानों को फसलों के लिए पानी भी दिया जाता है।
Chhattisgarh h Weather की खबर यहां बस एक क्लिक में
Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter और Instagram पर ..