हैलो! मैं सीबीआई से… बेटे के नाम पर High Court जज को ठगने जा रहे थे शातिर, फिर… जानिए क्या हुआ?
Baloda Bazar News: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के जस्टिस (High Court Justice) गौतम भादुड़ी ने ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और लॉ’ टॉपिक पर बात रखते हुए कहा है कि एआई के कई दुष्परिणाम हैं तो कुछ सकारात्मक पहलू भी हैं। आइए जानते हैं उन्होंने इस सेमिनार में क्या कुछ कहा?
CG News: एआई का इस्तेमाल किस हद तक सही है! भारत में इसे लेकर क्या कानून हैं! ऐसे तमाम मुद्दों को लेकर शनिवार को शहर में सेमिनार हुआ। हाईकोर्ट के न्यायाधीश गौतम भादुड़ी इसमें बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। साइबर सिक्यूरिटी को लेकर उन्होंनें एक वाक्या साझा किया। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले उन्हें सीबीआई से फोन आया था। वे लोग उनके बेटे के बारे में पूछ कर रहे थे। बेटा तब उनके बगल में ही बैठा था।
वे अभिभाषेक संघ की ओर से आयोजित सेमिनार में युवाओं को संबोधित कर रहे थे। उनके साथ हाईकोर्ट की जज रजनी दुबे और राकेश मोहन पांडेय भी मौजूद थे। भादुड़ी ने कहा, साइबर फ्रॉड करने वाले आज सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के नाम पर भी वसूली कर ले रहे हैं। ऐसे में सावधान रहने की जरूरत है। सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते समय सतर्क रहें, तभी आप खुद को डीप फेक होने से बचा सकते हैं। सोशल मीडया का इस्लेमाल करते हैं तो डाटा प्राइवसी को लेकर खास सतर्क रहने की जरूरत है।
तकनीक के साथ आप भी अपडेट होते रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे, वरना लोग आपको डराकर या दूसरे तरीकों से ठगने का काम करते रहेंगे। कोर्ट, कचहरी और जज-वकील इस तरह के मामलों को बड़ी आसानी से संभाल लेते हैं। आम आदमी इससे घबरा जाता है। जहां भी आपका मोबाइल नंबर दर्ज किया जा रहा है, वहां से आपका डेटा बेचा जा रहा है। इसका खास ध्यान रखेें। न्यायमूर्ति रजनी दुबे ने कहा, मेरी जिंदगी में बलौदाबाजार का विशिष्ट स्थान है। पहले जिला व सत्र न्यायाधीश के तौर पर अधिवक्ताओं ने काफी सहयोग किया। न्यायमूर्ति राकेश मोहन पांडेय ने भी अपने विचार रखे।
न्यायमूर्ति भादुड़ी ने कहा कि एआई से सकारात्मक बदलाव आना ठीक है, लेकिन इसके कई नकारात्मक पहलु भी हैं। वकील अपने केस की ड्राफ्टिंग में इसका इस्तेमाल करें, लेकिन इससे डेटा चोरी होने का खतरा ज्यादा है क्योंकि किसी और की मेहनत को कॉपी बस यहां करना है। आज निजी जानकारी वाले डेटा चुराए जा रहे हैं। एआई में जितना अधिक डेटा फीड करेंगे, उतनी अधिक जानकारी आएगी। लेकिन यह कुछ क्षेत्र में खराब है क्योंकि अभी एआई के लिए भारत में कोई कानून नहीं है। नीति आयोग ने कुछ नियम बनाए जरूर हैं लेकिन वह काफी नहीं हैं। न ही आईटी एक्ट में इसके लिए कोई सख्त व्यवस्था है।
मुझे याद है… पहली बार प्रभारी जज बन बलौदाबाजार आया था
भादुड़ी ने बताया कि अब वे रिटायर होने जा रहे हैं। अपने कॅरिअर में बलौदाबाजार को याद करते हुए कहते हैं, पहली बार मैं प्रभारी न्यायाधीश के तौर पर बलौदाबाजार आया था। बाद के सालों मेें भी अधिवक्ता संघ के बुलावे पर लगातार बलौदाबातार आता रहा हूं। यहां से मेरा विशेष लगाव है। यहां गुरु घासीदास की विशेष कृपा से मुझे अपार प्रेम और सम्मान मिला। स्वागत भाषण संघ के संरक्षक भूपेंद्र प्रताप सिंह ठाकुर ने दिया। संचालन संघ के सचिव गणेश शंकर ने किया। कार्यक्रम के समापन पर सभी न्यायाधीशें को सम्मानित किया गया।
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