रामू जायसवाल, वेणुशंकर, कृष्ण कुमार, रमेश जायसवाल परिवार द्वारा आयोजित सुमधुर संगीत शिव जयघोष से सज्जित व्यासपीठ से पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra Shiv Mahapuran Katha) ने कथा वाचन करते हुए कहा एक छोटा सा जीवन है मनुष्य का उस जीवन में हम कैसे भक्ति साधना कर सकते हैं जीवन को भक्तिपूर्ण बना सकते हैं ये शिवपुराण कथा बताती है। जैसे जैसे ईश्वर की भक्ति में डूबते जाओगे तब जीवन के आनंद की अनुभूति होगी।
सभी लोगों को प्रदेश के प्रमुख त्यौहार छेरछेरा त्यौहार की बधाई देते हुए महाराज ने कहा कि छत्तीसगढ़ के निवासी कैसे अपने धान का दान कर शिव गुण का अनुसरण करते हैं वो अनूठा है। छत्तीसगढ़वासी जो एक मुट्ठी धान का दान आज छेरछेरा के दिन किया करते है उस पुण्य का लाभ सात पीढ़ी अर्जित करती है। एक चावल के दाने को भगवान को अर्पित करने पर पृथ्वी, बोने वाले को, देखभाल करने वाले को, काटने वाले को, साफ करने वाले को और भगवान शिव को चढ़ाने वाले को पुण्य प्राप्त होता है। आपकी पूजा, भक्ति, दान, सेवा का पुण्य पूरे परिवार को प्राप्त होता है। इसलिए कभी भक्ति का अहंकार नहीं करना चाहिए।
परिवार के सदस्य द्वारा एक लोटा जल शिव तत्व का अर्पण परिवार के सदस्य को पाप से मुक्त करता है, पुण्य लाभ प्रदान कराता है। जीवन की हर परीक्षा में सफल होने का मूलमंत्र यह है कि आप किसी को हराने के लिए कोई काम न करें। महादेव को समर्पित कर आगे बढ़ने के लिए परीक्षा का सामना करें। आपका व्यवहार, प्रेम, वात्सल्यता, धर्म कर्म ही जीवन को सम्पूर्ण करेगा। कोई व्यक्ति अगर आपको मंदिर शिवालय जाने, शिव तत्व अर्पित करने, भक्ति भजन हेतु प्रेरित करता है तो समझिए भगवान शिव की इच्छा से प्रेरणा प्राप्त हो रही है।
व्यासपीठ धर्म कर्म भक्ति का मार्गदर्शक है। कभी किसी को नुकसान करने हेतु प्रेरित नहीं करता है। आपके द्वारा शिवालय में चढ़ाया गया जल जीवन में कब काम आएगा, ये मेरे महादेव ही जानते हैं। इसलिए अपने जीवन में शिवालय शिव, शिव तत्व को शामिल कीजिए भोलेनाथ जो देंगे वह आपकी कल्पना से ज्यादा होगा।