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Bhatapara Ramlila 2024: 104 साल की परंपरा दोहराएगा ये शहर, नवरात्रि में श्रीराम की भक्ति का दिखेगा अद्भुत नजारा…

Bhatapara Ramlila 2024: 1920 से आज तक: नवरात्रि में श्रीराम की भक्ति का अनोखा अनुभव कराता भाटापार शहर।

बलोदा बाज़ारOct 02, 2024 / 12:29 pm

Laxmi Vishwakarma

Bhatapara Ramlila 2024: प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध भाटापारा की सांस्कृतिक विरासत भी अतुलनीय है। गुरुवार को नवरात्रि से शुरू होने वाली 11 दिन की रामलीला शहर की इस सांस्कृतिक पहचान को और मजबूती देगी। यह रामलीला छत्तीसगढ़ की सबसे प्राचीन और ऐतिहासिक परंपराओं में से एक है, जो ब्रिटिश जमाने से ही हर साल शारदीय नवरात्रि पर होती आई है।

Bhatapara Ramlila 2024: दोहराया जाएगा 104 बरस का इतिहास

104 बरस के इतिहास को दोहराते हुए इस बार परंपरा की 105वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी। इसके लिए जोर-शोर से तैयारियां की जा रहीं हैं। आदर्श रामलीला नाटक मंडली ने सन् 1920 में इस परंपरा की नींव डाली थी। तभी से यह आयोजन शहर के शंकर वार्ड स्थित रामलीला मैदान में होता आया है। इस बार भी यहां 11 दिनों तक दर्शकों को भगवान राम के जीवन की विभिन्न लीलाओं का प्रदर्शन देखने मिलेगा।
3 से 13 अक्टूबर तक चलने वाली इस रामलीला में न केवल धार्मिकता, बल्कि समर्पण और कला का अद्भुत संगम भी झलकेगा। इस बार विभिन्न महत्वपूर्ण लीलाओं के मंचन की तैयारी है, जिनमें धनुषयज्ञ, सीताहरण, जटायुमरण, शबरी प्रसंग, रामसुग्रीव मित्रता, और बालीवध आदि शामिल हैं।

अनेक ग्रंथों से भी संवादों का चयन

इस रामलीला में साहित्य एक अद्भुत मिश्रण भी देखने मिलता है। गोस्वामी तुलसीदास की रचनाएं इसका मुख्य आधार हैं। इनके अलावा राधेश्याम रामायण, आर्य संगीत रामायण, और नथाराम गोंड, संगीत रामायण जैसे अनेक ग्रंथों से भी संवादों का चयन किया गया है। विशेषज्ञों और जानकारों द्वारा साहित्य मंथन करने के बाद इन संवादों को शामिल किया गया है, जिससे रामलीला का मंचन और भी प्रभावशाली हो जाता है।

समय के साथ बदले और नई तकनीकों से बेहतर बने

Bhatapara Ramlila 2024: आधुनिक तकनीक के साथ रामलीला अब एक नई पहचान बना रही है। इस साल रामलीला में पारंपरिकता के साथ-साथ आधुनिकता का अद्भुत मेल देखने को मिलेगा। यह दर्शकों को नया और अनोखा अनुभव देगा। इसके लिए इस बार पारंपरिक पर्दों की जगह एलईडी स्क्रीन लगाकर सीनरी बैकग्राउंड का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे लीलाएं और भी जीवंत नजर आएंगी।
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आधुनिक साउंड सिस्टम और कॉलर माइक के इस्तेमाल से भी दर्शकों को आकर्षक अनुभव मिलेगा। इसके अलावा वॉटरप्रूफ पंडाल, अच्छी कुर्सियों की भी व्यवस्था की गई है। लोग घर बैठे मोबाइल पर पूरा कार्यक्रम देख सकें, इसलिए पूरे कार्यक्रम का भाटापारा यूट्यूब चैनल पर लाइव प्रसारण किया जाएगा।

भाटापारा छत्तीसगढ़ का इकलौता शहर

नवरात्रि की नवमी पर होने वाली देवी लीला सबसे ज्यादा चर्चित है। इसमें पाताल के भयानक और डरावने स्वरूप को दिखाया जाता है। इसी सीन में अहिरावण वध का भी होता है। (Bhatapara Ramlila 2024) मान्यता के मुताबिक, अहिरावण राम और लक्ष्मण का हरण कर उन्हें देवी के सामने बलि चढ़ाने ले जाया जाता है। तब हनुमान जी अहिरावण का वध कर देते हैं।
मां निकुंबला देवी की भव्य झांकी में ऐसे तमाम दृश्यों को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया जाता है। हर साल इस दृश्य को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग रामलीला मैदान पर इकट्ठा होते हैं। संभवत: भाटापारा छत्तीसगढ़ का इकलौता शहर है जहां इस तरह की भव्य देवी लीला देखने मिलती है।

रामलीला के कलाकारों की भरमार

Bhatapara Ramlila 2024: भाटापारा के लोग अपनी सांस्कृतिक धरोहर को न केवल संजोते हैं, बल्कि इसे अगली पीढ़ियों तक भी पहुंचाते हैं। यही वजह है कि शहर के हर वार्ड और गली में रामलीला के कलाकारों की भरमार है। कई परिवारों में पीढ़ियों से लोग रामलीला में काम करते आए हैं। इस आयोजन को भव्य और सफल बनाने में कई नाम शामिल हैं, जिनमें कन्हैयालाल टोडर, महंत भगवानदास, शिवप्रसाद अग्रवाल, महादेव प्रसाद त्रिवेदी और छोटेलाल गुप्ता आदि प्रमुख हैं।
स्थानीय संस्कृति और कला को समर्पित इस अनूठे आयोजन में हर साल विभिन्न वर्गों के लोग अपने अभिनय का जौहर दिखाते हैं, जिसमें फिल्म अभिनेता अनुज शर्मा, भाजपा उपाध्यक्ष शिवरतन शर्मा, पूर्व जिपं सभापति अश्विनी शर्मा आदि शामिल हैं।

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