बालोद

कैसा माइनर बनाया, जिससे 200 एकड़ में नहीं हो पा रही सिंचाई, दिखने लगी दरारें

गुंडरदेही ब्लॉक में सिंचाई विभाग द्वारा बनाया गया माइनर अपने उद्देश्य पर खरा नहीं उतर पाया। ठेकेदार की लापरवाही के कारण किसानों के खेतों तक नहर से छोड़ा गया पानी नहीं पहुंच पा रहा है।

बालोदAug 25, 2024 / 05:04 pm

Chandra Kishor Deshmukh

Water Resources Department बालोद जिले के गुंडरदेही ब्लॉक में सिंचाई विभाग द्वारा बनाया गया माइनर अपने उद्देश्य पर खरा नहीं उतर पाया। ठेकेदार की लापरवाही के कारण किसानों के खेतों तक नहर से छोड़ा गया पानी नहीं पहुंच पा रहा है। इस नहर लाइनिंग से लगे ग्राम भोथीपार के किसानों ने कहा कि माइनर में कुलापा को ऊपर लगा दिया गया है, जिसके कारण पानी किसानों के 200 एकड़ खेतों तक नहीं जा पा रहा है। जबकि पहले भी इस माइनर के गुणवत्ताहीन कार्य का जमकर विरोध हुआ था। उसके बावजूद निर्माण में लापरवाही बरती गई।

माइनर की गुणवत्ता पर उठने लगे सवाल

वहीं जगह जगह माइनर टूटा हुआ है। इससे इस नहर माइनर के निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन व सिंचाई विभाग को चेतावनी दी है कि अगर गड़बड़ी ठीक नहीं की गई व किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंचाया तो किसान आंदोलन करेंगे, जिसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी। किसानों के हित के लिए बने माइनर का समुचित लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा। अब खुद किसान इसके विरोध में एकजुट हो गए हैं।
यह भी पढ़ें

रायपुर एम्स में भर्ती दल्लीराजहरा के मरीज की स्वाइन फ्लू रिपोर्ट आई पॉजिटिव, नगर में डेंगू के 60 मामले

भोथीपार के किसानों ने कहा- कैसा निर्माण, जब पानी ही नहीं आ रहा

ग्रामीण संजय चंद्राकर व गुमान सिंह ने कहा कि जब माइनर का निर्माण हुआ था तो लग रहा था कि इसका लाभ जरूर मिलेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जब करोड़ों की लागत से निर्माण किया गया है तो सही तरीके से निर्माण करना था।
नहर के पानी को माइनर के माध्यम से भोथीपार के किसानों के खेतों तक लाना है पर यहां पानी ही नहीं पहुंच पा रहा है।

200 एकड़ खेत में होती है सिंचाई, नहीं सुधरी स्थिति तो आंदोलन

ग्राम पंचायत भोथीपार के सरपंच झग्गर सिंह ने बताया कि जो माइनर बनाया गया है, उसमें कुलापा 6 इंच ऊपर बना दिया है, जिसके कारण ज्यादा परेशानी हो रही है क्योंकि नहर के पानी को माइनर के माध्यम से भोथीपार के किसानों के खेतों तक लाना है पर यहां पानी ही नहीं पहुंच पा रहा है। इस पर शासन-प्रशासन व विभाग ध्यान जरूर दे।
यह भी पढ़ें

कोरगुड़ा स्कूल के जर्जर पुराने भवन की जगह अतिरिक्त भवन की पीडब्ल्यूडी ने कर दी मरम्मत

अभी से टूटने लगा है माइनर, दिखने लगी दरारें

लिमोरा माइनर में कई जगहों पर दरारें आ गई हैं। वहीं कुछ जगहों पर पानी के दबाव को यह माइनर झेल नहीं पाया और टूटने लगा है। हालांकि विभाग का दावा है कि माइनर पांच साल ठेकेदार के अंडर में है। अगर इसमें कुछ गड़बड़ी हो तो उसे ठेकेदार द्वारा सुधारा जाएगा। इस दौरान गुमान सिंह मंडावी, संजय चंद्राकर सरपंच झग्गरसिंह साहू, कुंभकरण साहू, हेमंत ठाकुर, नोमन सिंह ठाकुर, भोजराम साहू, टूमेंद्र साहू बैसाखू राम साहू आदि मौजूद रहे।

पहले भी कर चुके हैं ग्रामीण शिकायत

ग्रामीणों ने कहा कि माइनर के निर्माण में हो रही गड़बड़ी को लेकर उन्होंने सिंचाई विभाग से कार्रवाई की मांग भी की थी पर इस पर अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया गया। यही वजह है कि चार माह में ही यह माइनर जवाब देने लगा है।
यह भी पढ़ें

प्रधानपाठक ने नए कमरे में कार्यालय खोला, बच्चों को पुराने में बैठाया, ऊपर भेजी रिपोर्ट सब ठीक

किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने किया जाएगा प्रयास

जल संसाधन विभाग के ईई पीयूष देवांगन ने कहा कि इसकी शिकायत मिली है। मौके पर जाकर देखूंगा कि स्थिति क्या है फिर आगे की कार्रवाई की जाएगी। अगर किसी कारण से किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है तो उसकी जानकारी लेकर किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा।

Hindi News / Balod / कैसा माइनर बनाया, जिससे 200 एकड़ में नहीं हो पा रही सिंचाई, दिखने लगी दरारें

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.