सोमवार को कलेक्टर के सामने पुरुषोत्तम ने कहा कि उसे लोन चाहिए। कलेक्टर से चर्चा के दौरान पीडि़त जोर-जोर से चिल्लाकर अपनी बात रख रहा था। तभी उसकी तबियत बिगड़ी और वह चक्कर खाकर गिर गया।पुरुषोत्तम ने बताया कि उसे लोन चाहिए और लोन नहीं मिला तो वह बैंक के सामने ही आत्महत्या कर लेगा। हम छत्तीसगढिय़ों को क्यों बैंक वाले घुमाते है। कई लोग आज भी लोन के लिए भटक रहे है। सरकार ने जब योजना बनाई है तो उस योजना का लाभ पात्र लोगों को मिलना चाहिए।
पीडि़त के बेहोश होते ही उसे सीएमएचओ और सिविल सर्जन के निगरानी में रखा गया। थोड़े देर बाद बेहतर इलाज के लिए बेहोशी के हालत में ही जिला अस्पताल ले जाया गया। जहां उसका उपचार किया गया। वह अब बिल्कुल स्वस्थ है। वही कलेक्टर जनमेजय महोबे ने बैंक अधिकारी से पीडि़त व्यक्ति की समस्या नियमानुसार दूर करने के निर्देश दिए है। पीडि़त ने बताया कि होटल व्यवसाय के लिए लोन लेना चाह रहा हूूं लेकिन अधिकारी आज कल का समय देकर टाल मटोल कर रहे हैं।
जिला अस्पताल में भर्ती पीडि़त पुरूषोत्तम ने बताया कि वह बीते ढाई माह से होटल व्यवसाय के लिए प्रधानमंत्री स्वरोजगार सृजन योजना अंतर्गत दो लाख 35 हजार रुपए लोन के लिए आवेदन जमा किया है। कलेक्टर द्वारा इस आवेदन को छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक देवरी के शाखा प्रबधंक को ऑनलाइन प्रेषित किया था। बैंक अधिकारी द्वारा दो लाख तक का ही लोन मिलने की बात कही गई। कुछ दिन बात सिर्फ 50 हजार लोन पास होने की बात कही। जिससे वह नाराज था।