इधर जानकारी यह भी मिली कि जिला रोजगार कार्यालय को किसी भी प्रकार से बेरोजगारी भत्ता संबंधित आदेश नहीं मिला है। न ही कलेक्टोरेट व गुरुर जनपद से कोई पत्र आया है, पर किस आधार पर गांवों में मुनादी कराई गई है। इसका जवाब किसी जिम्मेदारों के पास नहीं मिल पाया।
गुरुर ब्लॉक के ग्राम छेडिय़ा निवासी डिगेश्वर कुमार साहू ने बताया कि चार दिन पहले ही रात में कोटवार ने मुनादी कर यह जानकारी दी कि बेरोजगारी भत्ता के लिए आवेदन ग्राम पंचायत में जमा कर सकते हैं। कहा गया कि बारहवीं पास वाले पंचायत में मार्कशीट जमा कराएं। रोजगार पंजीयन, जाति, निवास, मार्कशीट साथ ले जाएं। इसके लिए रोजगार पंजीयन अनिवार्य है। बताया कि इस कारण पंजीयन कराने रोजगार कार्यालय आए हैं। ग्राम अकलवरा के पुणेश्वरी व ग्राम तर्री की राजेश्वरी भी अपने दुधमुंहे बच्चों को लेकर पंजीयन कराने पहुंची थी।
जिला रोजगार पंजीयन कार्यालय में बेरोजगारों की भीड़ को देख विभाग के कर्मचारियों के हाथ-पांव ही फूल गए। बाकी सामान्य दिनों की तरह वे सुबह काम शुरू किए, फिर धीरे-धीरे भीड़ बढ़ती गई। लाइन में सैकड़ों की संख्या में भीड़ बढ़ती गई। उसके बाद धक्का-मुक्की शुरू हो गई।
जिला रोजगार अधिकारी से मिली जानकारी के मुताबिक जिले में कुल 1 लाख, 47 हजार, 7 सौ, 42 बेरोजगार पंजीकृत हैं। अब तक विभाग ने कुल 32 प्लेसमेंट कैंप आयोजित कर चुके हैं। जिसमें से 1176 युवाओं को रोजगार दिलाया जा सका है।
जिला रोजगार अधिकारी एनसी वाहने ने बताया कि गुरुर ब्लॉक के गंावों में मुनादी कराई गई है। बेरोजगारी भत्ता के लाभ के लिए रोजगार पंजीयन जरुरी है, तो गुरुर ब्लॉक के युवा पंजीयन कराने आ रहे हैं, पर शासन से कोई आदेश नहीं आया है।