रिक्त पदों पर अब तक भर्ती नहीं की गई
जिले के कई स्कूलों में खिलाड़ियों को खुद ही एकलव्य बनना पड़ेगा। उन्हें खेल विधा सिखाने के लिए द्रोणाचार्य नहीं है। शासन स्तर से खेल शिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्ती नहीं की गई है। नहीं निखर पा रही खेल प्रतिभा
हायर सेकंडरी स्कूलों में खेल शिक्षकों की नियुक्ति होती है। जिले के 26 हायर सेकंडरी स्कूलों में खेल शिक्षक नहीं है। जबकि यह पद कुछ वर्षों से खाली है, लेकिन शासन ने भर्ती नहीं की है। स्कूली बच्चों में छिपी खेल प्रतिभा को निखारने में सफल नहीं हो रहे हंै। खेल शिक्षकों की भर्ती हो जाती तो खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन करते।
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जिला, संभाग, राज्य व राष्ट्रीय स्तर खेल में लेते हैं भाग
जिले में कई स्कूलों में ऐसे विद्यार्थी भी हैं, जिनके अंदर खेल प्रतिभा छिपी है। वह खुद अभ्यास कर प्रतिभा को निखारने का प्रयास कर रहे हैं। हर साल जिला, संभाग, राज्य व राष्ट्रीय स्तर खेल प्रतियोगिता होती है। कई बार खिलाड़ी प्रशिक्षण के अभाव में जिला स्तरीय खेल के आगे नहीं बढ़ पाते। प्रशिक्षक होते तो खिलाडिय़ों को खेल में दक्ष कर राष्ट्रीय स्तर तक भेज सकते थे। हालांकि जिले के कई ऐसे खिलाड़ी भी हैं, जो राज्य व नेशल गेम्स में भी बढिय़ा प्रदर्शन कर मेडल जीते।
प्रभारी शिक्षकों के भरोसे चल रहा प्रशिक्षण
हायर सेकंडरी के छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के अलावा खेलकूद की शिक्षा भी दी जाती है। खेल शिक्षक बच्चों को विभिन्न खेलकूद में भाग लेने प्रशिक्षित किया जाता है, जिससे आगे चलकर विभिन्न स्तर के खेलो में बेहतर प्रदर्शन कर स्कूल का नाम रोशन करें। अभी कई स्कूलों में प्रभारी खेल शिक्षकों के भरोसे बच्चों को प्रशिक्षण दे रहे हैं।
खेल शिक्षकों की भर्ती शासन से होती है
जिला खेल अधिकारी स्कूली खेल शिक्षा विभाग बालोद किशोर मेहरा ने कहा कि खेल शिक्षकों की भर्ती शासन से होती है। शासन स्तर पर अभी रिक्त पदों पर भर्ती नहीं की गई है। रिक्त पदों पर भर्ती हो जाने से खेल प्रशिक्षण और बेहतर हो सकता है।