scriptआधा बन चुके मिनी स्टेडियम का कार्य कर दिया निरस्त, जगन्नाथपुर का मामला | अब अधिकारियों ने साध ली चुप्पी: ठेकेदार को 21 लाख का हो चुका भुगतान | Patrika News
बालोद

आधा बन चुके मिनी स्टेडियम का कार्य कर दिया निरस्त, जगन्नाथपुर का मामला

शासन ग्रामीण क्षेत्रों में भी खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने बड़े-बड़े दावे करता है। वहीं जगन्नाथपुर में मिनी स्टेडियम का निर्माण कार्य चल रहा था। निर्माण कार्य 50 प्रतिशत पूरा होने के बाद इसे निरस्त कर दिया गया। अब कार्य रुका हुआ है।

बालोदOct 26, 2024 / 10:39 pm

Chandra Kishor Deshmukh

शासन ग्रामीण क्षेत्रों में भी खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने बड़े-बड़े दावे करता है। वहीं जगन्नाथपुर में मिनी स्टेडियम का निर्माण कार्य चल रहा था। निर्माण कार्य 50 प्रतिशत पूरा होने के बाद इसे निरस्त कर दिया गया। अब कार्य रुका हुआ है।
Mini stadium शासन ग्रामीण क्षेत्रों में भी खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने बड़े-बड़े दावे करता है। वहीं जगन्नाथपुर में मिनी स्टेडियम का निर्माण कार्य चल रहा था। निर्माण कार्य 50 प्रतिशत पूरा होने के बाद इसे निरस्त कर दिया गया। अब कार्य रुका हुआ है। पिछली सरकार के समय से स्वीकृत और प्रारंभ हो चुके इस कार्य को विधानसभा चुनाव के बाद अधिकारियों ने शासन के पत्र का हवाला देकर कहा कि यह कार्य निरस्त हो चुका है। इसके बाद मार्च से लगभग 8 महीने हो गए काम बंद पड़ा हुआ है।

31 लाख 16 हजार रुपए की लागत से होना था निर्माण

मुख्यमंत्री समग्र विकास योजना के तहत ग्राम पंचायत जगन्नाथपुर में गौठान के बगल में मिनी स्टेडियम का निर्माण किया जा रहा था। इसके लिए 31 लाख 16 हजार रुपए की स्वीकृति दी गई थी। निर्माण 3 मई 2024 तक पूरा हो जाना था।
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सत्ता परिवर्तन के बाद पत्र आया

विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद जब सत्ता परिवर्तन हुआ तो शासन से एक पत्र आया था। इसमें अप्रारंभ कार्यों की स्वीकृति निरस्त करने का उल्लेख था। जबकि जगन्नाथपुर में मिनी स्टेडियम का कार्य प्रारंभ हो चुका था। उसे अप्रारंभ कार्यों के सूची में शामिल कर दिया गया। कार्य निरस्त होने से मिनी स्टेडियम बनते-बनते रह गया।
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अधिकारियों ने हाथ खड़े कर दिए, समस्या नहीं सुलझाई

निर्माण एजेंसी के ठेकेदार भोपेंद्र देशमुख ने बताया कि आरईएस यानी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग के तहत 31 लाख 61 हजार रुपए का स्वीकृत हुए थे। मनरेगा के तहत भी कार्य होना था। 40 से 50 प्रतिशत काम पूरा हो चुका था। 21 लाख का बिल भुगतान भी हो चुका है। अचानक विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग बालोद के अधिकारियों ने बताया कि शासन से पत्र आया है, जिसमें कार्य निरस्त करना बताया गया है। कार्य को अप्रारंभ स्थिति में मान लिया गया है। मैंने कहा कि काम तो पहले से शुरू हो चुका है तो अप्रारंभ कैसे हो सकता है। अधिकारियों ने हाथ खड़े कर दिए और इस समस्या को सुलझाया ही नहीं।

अब कोर्ट में ठेकेदार अपील करने की तैयारी

ठेकेदार ने कहा कि मैं दो-तीन माह देख लेता हूं। काम शुरू करने का आदेश नहीं आता है तो कोर्ट का रास्ता अपनाऊंगा। इस पर अधिकारियों ने भी शासन के आदेश का इंतजार करने की बात कही। लगभग 8 महीने बाद भी ध्यान नहीं दिया जा रहा। ठेकेदार का कहना है कि कार्य अप्रारंभ रहता और निरस्त होता तो समझ में आता। लेकिन कार्य शुरू हो चुका था। चुनाव से पहले ही टेंडर लग चुका था। न्याय नहीं मिला तो कोर्ट तक जाएंगे। हम चाहते हैं कि बाकी काम भी पूरा हो। शासन जो भी राशि बची है, उसे स्वीकृत कर मिनी स्टेडियम के निर्माण को गति प्रदान करें। लेकिन स्थानीय अधिकारी भी चुप्पी साधे बैठे हैं।

स्थानीय प्रशासन से नहीं मिल रहा सहयोग

जगन्नाथपुर सरपंच अरुण साहू ने भी कहा कि काम निरस्त हो गया है। जिसे वापस लाने हम प्रयास कर रहे हैं। स्थानीय शासन-प्रशासन का हमें सहयोग नहीं मिल रहा है। काम शुरू हो चुका था। लगभग 8 महीने से काम बंद है। मिनी स्टेडियम जगन्नाथपुरवासियों का सपना है। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग से स्वीकृत 31.61 लाख की अलावा मनरेगा के तहत 19 लाख का काम उसमें होना था।

जिम्मेदार अधिकारी भी नहीं दे रहे कोई जवाब

इस संबंध में जिला पंचायत सीईओ संजय कन्नौजे से भी जब हमने बात करने की कोशिश की तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। वाट्सऐप मैसेज के जरिए संबंधित विभाग से अपडेट लेने की बात कही। आरईएस के ईई राजकुमार खोब्रागढ़े भी चुप्पी साधे बैठे हैं। उनसे भी हमने इस मामले में संपर्क करने का प्रयास किया।

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