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बालोद

32 साल पहले बना खुला संग्रहालय में लटका ताला, खो रहा अपना अस्तित्व

देश विश्व संग्रहालय दिवस मनाएगा, लेकिन जिला मुख्यालय में ही प्रशासन की लापरवाही से खुला संग्रहालय जर्जर होता जा रहा है। 32 साल पूर्व प्रदेश का पहला खुला संग्रहालय बनाया गया। यह कुछ के लिए दिन खुला। इसके बाद से ताला लटका हुआ है। इसका जवाब देने वाला कोई नहीं है।

बालोदMay 17, 2024 / 11:26 pm

Chandra Kishor Deshmukh

Open Museum देश विश्व संग्रहालय दिवस मनाएगा, लेकिन जिला मुख्यालय में ही प्रशासन की लापरवाही से खुला संग्रहालय जर्जर होता जा रहा है। 32 साल पूर्व प्रदेश का पहला खुला संग्रहालय बनाया गया। यह कुछ के लिए दिन खुला। इसके बाद से ताला लटका हुआ है। इसका जवाब देने वाला कोई नहीं है। अब यह अपना अस्तित्व खो रहा है। घास-फूंस उग आए हैं और असामाजिक तत्व दीवार को भी तोडऩे का प्रयास कर रहे हैं। खुला संग्रहालय का निर्माण पुरातत्व विभाग ने सन 1992 में किया था। इसे सुरक्षित रखने व बेहतर करने पहल नहीं की गई। यहां रखी दुर्लभ प्रतिमाएं भी खंडित हो रही हैं।

दुर्लभ प्रतिमाएं हो रही खंडित, सुरक्षित रखने पहल नहीं।

हर कलेक्टर ने मोड़ा मुंह, पुरातत्व विभाग भी मौन

जिला बनने के बाद उम्मीद थी कि संग्रहालय को एक नई पहचान मिलेगी। इसे समझने लोग आएंगे। जिला प्रशासन र्भी बेहतर कदम उठा सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अभी तक जिले में जितने भी कलेक्टर आए सभी ने इससे मुंह मोड़ लिया।

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युवा वर्ग को ही नहीं मालूम

जिले के युवाओं से पूछा गया कि प्रदेश का पहला खुला संग्रहालय कहां है, इसका जवाब नहीं दे सके। उन्हें नहीं पता कि खुला संग्रहालय बालोद जिला मुख्यालय में है। इसके प्रति किसी भी प्रकार का जगरुकता अभियान नहीं चलाया गया।

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