हितग्राहियों ने राशि गबन करने का लगाया आरोप
उम्र के अंतिम पढ़ाव में ये पेंशनधारी एक-एक रुपए के लिए तरस रहे हैं। बुजुर्गों ने सचिव पर पेंशन की राशि का भुगतान न कर गबन करने का आरोप लगाया है। पंचायत सचिव ओमेश भुआर्य पर गांव के लगभग 19 पेंशनधारी हितग्राहियों के लगभग 85 हजार 500 रुपए पेंशन का भुगतान नहीं किया है। यह भी पढ़ें
धान बेचने 3278 नए किसानों ने कराया पंजीयन, 8 नए धान खरीदी केंद्र खोलने की मांग
बुजुर्गों ने कलेक्टर से की शिकायत
बुजुर्गों ने मंगलवार को कलेक्टर इंद्रजीत चंद्रवाल को ज्ञापन सौंपा और तत्काल पेंशन भुगतान कराने की मांग की है। कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए हंै।बुजुर्गों को मनाने कलेक्ट्रेट पहुंच गए सचिव
ग्राम पंचायत अडज़ाल के सचिव ओमेश भुआर्य मामले पर कोई जवाब देना नहीं चाहते। बुजुर्गों पर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाने कलेक्ट्रेट पहुंच गए थे। बुजुर्गों ने कहा कि सरकार हमें पेंशन देती है। आप सरकारी कर्मचारी हो और हमारी पेंशन की राशि को एक साल से खा रहे हो, शर्म आनी चाहिए। यह भी पढ़ें
पिता ने बेटे को स्कूल आने-जाने में हो रही परेशानी को देख कबाड़ से बना दिया इलेक्ट्रिक साइकिल
70 से 80 साल की बुजुर्ग महिलाएं पहुंची थीं
सचिव 10 साल से ग्राम पंचायत में पदस्थ हैं। वर्तमान में दो माह से पंचायत सचिव पद से निलंबित हैं, क्योंकि पंचायत कार्यों में लापरवाही बरतने का आरोप है। बुजुर्गों ने कहा कि हम अपने हक की लड़ाई लडऩे आए हैं। हमें पेंशन चाहिए। इस दौरान उदे राम, सुमित्रा, नथलो बाई, रिना, टिकेश, मथुरा, मैना बाई, गंगा बाई आदि मौजूद थे।19 लोगों का खाते में नहीं, सीधे हाथ में दी जाती है पेंशन
ग्राम अडज़ाल के 19 पेंशनधारी को भुगतान सीधे सचिव भुगतान करते हैं। इन हितग्राहियों के पास खाता है, लेकिन अंगूठे का निशान नहीं मिल रहा है। इस स्थिति में समाज कल्याण विभाग जनपद पंचायत सचिव के खाते में राशि डालता है। जनपद पंचायत सचिव हितग्राहियों को वितरण करते हैं।पेंशन नहीं मिलने पर हितग्राहियों ने ये कहा
उदे राम: वृद्धा पेंशन मिलती थी। हर माह राशि मिलने से उपयोग करते थे। काफी राहत भी मिल रही थी, लेकिन लगभग एक साल से सचिव पेंशन नहीं दे रहे हैं। तत्काल पेंशन का भुगतान किया जाना चाहिए।सुमित्रा बाई: उम्र के अंतिम पड़ाव में हैं। शासन से मिलने वाली पेंशन की राशि को हर माह दी जानी चाहिए। सचिव एक साल से पेंशन की राशि नहीं देने के कारण खुद का खर्च चलाने में परेशानी उठानी पड़ रही है।