बालोद

जब छह बेटियां निकली पिता की अर्थी कांधे पर लेकर, देखने वाले नहीं रोक पाए आंसू

ग्राम चिल्हाटी में एक पिता की अर्थी को न सिर्फ बेटियों ने कंधा दिया बल्कि मान्य सामाजिक पंरपरा के विपरीत चिता को मुखाग्नि भी दी।

बालोदJun 16, 2019 / 05:11 pm

Dakshi Sahu

जब छह बेटियां निकली पिता की अर्थी कांधे पर लेकर, देखने वाले नहीं रोक पाए आंसू

कचांदुर/बालोद. ग्राम चिल्हाटी में एक पिता की अर्थी को न सिर्फ बेटियों ने कंधा दिया बल्कि मान्य सामाजिक पंरपरा के विपरीत चिता को मुखाग्नि भी दी। बेटियों के इस कदम का साथ ग्रामीणों ने भी दिया। चिल्हाटी निवासी मोहन लाल माहेश्वरी 78 वर्ष का गुरुवार की रात निधन हो गया।
छह बेटियों ने मिलकर किया अंतिम संस्कार
मृतक का कोई पुत्र संतान नहीं होने के कारण छह बेटियों ने अंतिम संस्कार किया। शुक्रवार सुबह 10 बजे उनके निवास से अंतिम यात्रा निकाली गई। उनकी 6 बेटियों ने बेटे का फर्ज निभाया। उनकी बड़ी बेटी सरोज डागा रायपुर निवासी और दूसरी बेटी मंजू राठी ग्राम खपरी पूर्व सरपंच के साथ अन्य बहनों ने अंतिम संस्कार की पूरी रस्म निभाई। छह बेटियों को अपने पिता की अर्थी कांधे पर लेकर निकलते देख लोग अपने आंसू नहीं रोक पाए।
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दिया बराबरी का संदेश
बेटी और बेटों में फर्क करने वाले लोगों को इन छह बहनों ने एक सामाजिक बराबरी का संदेश दिया है। जिसकी चर्चा न सिर्फ गांव में बल्कि आस-पास के जिलों में भी हो रही है। बड़ी बेटी ने कहा कि हमारे पिता ने हमें बेटों की तरह पाला था। इसलिए हमने भी बेटों की तरह उनकी अंतिम यात्रा निकाली। अंतिम संस्कार की पूरी क्रियाविधि की। ताकि उनकी आत्मा को शांति मिल सके ।
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