प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण है यह स्थान
जिले के ग्राम नारागांव के समीप स्थित यह स्थान प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण है। यहां चारों ओर घने जंगल हैं, तो वहीं प्राकृतिक झरने की समधुर आवाज एक रोमांच पैदा कर देती है। सियादेवी जलप्रपात बारिश के दिनों में अपने रौद्र रूप में नजर आता है, जब यहां पानी की मात्रा अत्यधिक होती है, जलप्रपात से गिरने वाले पानी की आवाज और दृश्य का संगम इस जगह को पर्यटकों के लिए बहुत ही रोमांचकारी बना देता है।भगवान राम माता सीता को ढूंढ़ते हुए यहां आए थे
सियादेवी मंदिर के पुजारी नानिक राम कोर्राम ने इस स्थान के बारे में प्रचलित मान्यता के बारे में बताया कि वनवास काल में भगवान श्रीराम और लक्ष्मण, देवी सीता को ढूंढते हुए यहां आए थे। उनकी निष्ठा के परीक्षण के लिए माता पार्वती ने माता सीता के रूप में भगवान राम की परीक्षा ली। लेकिन भगवान राम ने उन्हें पहचान लिया और मां के रूप में संबोधन किया। माता पार्वती को इस घटना से अपराध बोध हुआ। उन्होंने इस संबंध में भगवान शिव को बताया और क्षमा मांगी तब शिवजी ने मां पार्वती को देवी सीता के अवतार में इसी स्थान में विराजमान होने के लिए कहा। तभी से यह स्थान सिया देवी माता के नाम से जाना जाता है। यह भी पढ़ें
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नवरात्रि में हजारों भक्तों का यहां लगा रहता है तांता
नवरात्र के समय यहां हजारों श्रद्धालुओं का आना होता है। यहां पहुंचे पर्यटक साकेत श्रीवास्तव ने बताया कि वे खैरागढ़ से यहां आए हैं। उन्हें यहां की प्राकृतिक सुंदरता और मां सियादेवी का मंदिर देखकर काफी खुशी मिली। उन्होंने बताया कि यहां अच्छा पर्यटन को विकसित करने बेहतर कार्य किया गया है। सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाएं देखकर अच्छा लगा। यह भी पढ़ें