जलाशय मवेशियों का बन गया चारागाह
डेमसाइड जलाशय से लगी पहाडिय़ों से बरसात के दिनों में लौह अयस्क के कण धीरे-धीरे जलाशय में जाने लगे और आज पूरा का पूरा जलाशय फाइंस से पट चुका है। जलाशय की स्थिति तो अब ऐसी हो गई है कि जलाशय मवेशियों का चारागाह बन गया है और आसपास स्थित बस्तियों के बच्चे यहां क्रिकेट और फुटबाल खेलते नजर आते हैं।
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बीएसपी प्रबंधन की बड़ी लापरवाही
इतने बड़े जलाशय का लौह अयस्क के कणों से पट जाना बीएसपी प्रबंधन की बहुत बड़ी लापरवाही है। कुछ समाजसेवियों ने इस संबंध में कई बार बीएसपी के उच्च अधिकारियों, कलेक्टर, मुख्यमंत्री, सांसद व विधायक को भी ज्ञापन देकर इस जलाशय को बचाने की गुहार लगाई है। लेकिन दुख की बात तो यह है कि किसी ने भी इस जलाशय को बचाने में अपनी जवाबदेही नहीं समझी।
पानी बचाव का नारा सिर्फ दिखावा
बीएसपी प्रबंधन हो या शासन-प्रशासन पानी बचाव का नारा तो बड़े ही जोरों-शोरों से दिया जाता है और इसके लिए तरह तरह के विज्ञापनों के लिए लाखों रुपए खर्च भी कर देते हैं, परंतु ऐसा प्रतीत होता है कि यह सब महज एक दिखावा ही है। राजहरा के जलाशय को बीएसपी, शासन प्रशासन के अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने अपनी आंखो से धीरे धीरे पटते हुए देखा है। लेकिन किसी ने भी प्रारंभिक दौर में ही जलाशय को पटने से बचाने के लिए कोई पहल नहीं की।