ट्रकों से धान खाली नहीं हो रहा
संग्रहण केंद्रों में भूसा के अभाव में दो दिन से ट्रकों से धान खाली नहीं किया जा रहा है। धान परिवहन करने वाले ट्रक मालिक भी नाराज हैं। डीएमओ भी ठोस जवाब नहीं दे पा रहे है कि आखिर कब स्थिति सामान्य होगी। खरीदी केंद्रों से धान का उठाव धीमा होने से लगातार धान खरीदी बंद हो रही है। हालांकि बीते दिनों कैप कवर की व्यवस्था नहीं होने से भी ट्रकों से धान खाली नहीं कराया था। कलेक्टर के निर्देश के बाद तत्काल कैप कवर की व्यवस्था की थी। धान खरीदी शुरू होने से पहले नहीं थी पूरी तैयारी
डीएमओ के दावे की धान खरीदी और धान का परिवहन शुरू हुआ तो पोल खुल गई। अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा अब किसान भुगत रहे हैं। धान जाम होने से खरीदी बंद हो रही है, जिससे किसानों को ज्यादा इंतजार करना पड़ रहा है।
महिलाओं का समूह बनाकर ठगी करने वाले तीन आरोपी भेजे गए जेल
दो और धान संग्रहण खोलने की तैयारी
वर्तमान में जिले के चार संग्रहण केंद्रों में धान का संग्रहण किया जा रहा है। इसमें जगतरा, मालीघोरी, धोबनपुरी, फुंडा शामिल है। वहीं अब जिला प्रशासन व डीएमओ जिले में दो और नए धान संग्रहण केंद्र खोलने की तैयारी कर रहे हैं।
17 तक धान का उठाव नहीं तो 18 से खरीदी बंद
शनिवार को जिले के धान खरीदी केंद्र प्रभारियों ने नोडल अधिकारी से मुलाकात की। खरीदी केंद्रों में बिगड़ रही स्थिति को देखते हुए कहा कि खरीदी केंद्रों की स्थिति बेहद गंभीर है। धान रखने तक जगह नहीं है। 17 दिसंबर तक हर हाल में परिवहन सभी केंद्रों से तेजी से करें। अन्यथा 18 दिसंबर से धान खरीदी बंद कर दी जाएगी।
अब तक 32 लाख क्विंटल धान की खरीदी
जिले में 143 धान खरीदी केंद्रों में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की जा रही है। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक अभी तक कुल 32 लाख 13 हजार से ज्यादा क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है।
इधर मिलर्स नाराज, नहीं उठा रहे है धान
बीते दिनों मिलर्स ने धरना प्रदर्शन किया था। इसके बाद उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था। मांगें पूर्ण नहीं होने से फिर मिलर्स नाराज हैं और धान का परिवहन नहीं कर रहे है। मिलर्स ने 20 दिसंबर तक धान नहीं उठाने का निर्णय लिया है।
जल्द व्यवस्था में सुधार की कोशिश
डीएमओ बालोद सौरभ भारद्वाज ने कहा कि धान संग्रहण केंद्रों में धान रखने व्यवस्था बनाई जा रही है। खरीदी केंद्रों से धान का परिवहन किया जा रहा है। कोशिश की जा रही है कि जल्द व्यवस्था में सुधार हो।