गुरुर ब्लॉक फिर रेड जोन में
केंद्रीय भूजल बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक गुरुर ब्लॉक को एक बार फिर रेड जोन में रखा गया है। जिला प्रशासन भी जिले में जल जतन अभियान चलाकर लोगों को जागरूक कर रहा है।Education : शिक्षकों की कमी से बच्चों की पढ़ाई हो रही प्रभावित, अटैच का चल रहा खेल
गुरुर व बालोद ब्लॉक में सबसे अधिक किसानों ने की तौबा
जिला कृषि विभाग के मुताबिक गिरते भूजल स्तर को देखते हुए अब किसानों को जागरूक किया जा रहा है। गुरुर और बालोद ब्लॉक के सबसे अधिक किसानों ने गर्मी में धान की खेती नहीं करने का संकल्प लिया है।इन गांवों के किसानों ने दिखाई जागरुकता
जिला कृषि उपसंचालक जीएस ध्रुव ने बताया कि बालोद ब्लॉक के ग्राम पोंडी, लोंडी, बिरेतरा, जगन्नाथपुर, सांकरी सहित अन्य गांव के किसानों ने जागरुकता दिखाई है। गुरुर विकासखंड के नर्बदा, पलारी सर्बदा, अरकार सहित अन्य गांव शामिल है।कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ का किया विनाश, भाजपा सरकार कर रही प्रदेश का विकास : कोर्सेवाड़ा
जिलेभर के लोगों को उठानी पड़ रही है परेशानी
जिले के कई किसान ऐसे हैं, जो सिर्फ अपने फायदे के लिए जानबूझकर गर्मी के दिनों में धान की खेती करते हैं। अपने फायदे के चक्कर में पूरे जिले में भू-जल स्तर घटने का असर दिखाई देने लगा है। कई गांव ऐसे हैं, जहां गर्मी के दिनों में पेयजल के लिए भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।गर्मी में बिना अनुमति धान की फसल ली तो होगी कार्रवाई
जिले में भू-जल की स्थिति गंभीर होने के कारण प्रशासन भी अलर्ट हो गया है। किसानों को जागरूक कर रहे हैं कि गर्मी में धान की फसल की जगह अन्य फसलों पर जोर दें। अब धान की फसल खेतों में लेने के लिए कृषि विभाग से अनुमति लेनी होगी। बिना अनुमति धान की फसल लेने पर कार्रवाई हो सकती है।सबसे गंभीर गुरुर ब्लॉक, 91 प्रतिशत पानी से होती है सिंचाई
केंद्रीय भू-जल बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक जिले में भू-जल की स्थिति सबसे गंभीर गुरुर ब्लॉक में है। यहां 91 प्रतिशत पानी का उपयोग फसलों की सिंचाई के लिए किया जाता है, जबकि महज 6 प्रतिशत पानी का उपयोग पीने के लिए किया जाता है।जिले में किस साल कितना रहा भू जल स्तर
वर्ष – भूजल स्तर की स्थिति मीटर में (औसत)2017 – 19
2018 – 19.50
2019 – 19.50
2020 – 21
2021 – 21
2022 – 21.50
2023 – 25
2024 – 27
नोट : आंकड़े पीएचई विभाग से प्राप्त