सावधानी ही बचाव का सबसे बड़ा उपाय
एसडीओपी देवांश राठौर ने कहा कि पुलिस लगातार साइबर क्राइम से लोगों को बचाने जागरूक कर रही है। पहले भी स्कूल कॉलेजों, हाट बाजारों में लोगों को ठगी से बचाने जागरूक किया गया। विद्यार्थियों व शिक्षकों को डिजीटल उपकरणों पर हमारी निर्भरता, फायदे, इनसे जुड़े नवीन साइबर खतरों जैसे डिजिटल अरेस्ट, जॉब फ्रॉड, ऑनलाइन ट्रेडिंग, सोशल मीडिया अकाउंट हैकिंग के संबंध में जागरूक किया गया। युवतियों को अच्छी पढ़ाई कर सपनों को पूरा करते हुए सामाजिक सेवाभाव का संदेश देते हुए देश के विकास में योगदान प्रेरित किया गया। यह भी पढ़ें
जागरूकता अभियान के बाद भी जनवरी से नवंबर तक साइबर ठगी के 15 मामले सामने आए, 6 मामलों में 11 आरोपी गिरफ्तार
अनजान व्यक्ति का फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें
सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम से अनजान व्यक्ति से फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार नहीं करने, फ्रॉड का शिकार होने पर नजदीकी पुलिस थाना या साइबर सेल में रिपोर्ट करें। साइबर हेल्पलाइन 1930 और नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल (cybercrime-gov-in) के उपयोग के बारे में जानकारी दी जाएगी। लोगों को X (ट्विटर) पर @cyberdost को फॉलो करने प्रेरित किया गया। यह भी पढ़ें
वीर मेला देखने जा रहे बाइक सवार युवकों को तेज रफ्तार बस ने मारी टक्कर, दो की मौत, वहीं दूसरी घटना में एक की मौत, 7 घायल
इस तरह से करते हैं साइबर अपराध
साइबर क्राइम एवं साइबर सुरक्षा के संबंध में ऑनलाइन फ्रॉड, सोशल मीडिया ऐप साइट का उचित उपयोग, डिजिटल अरेस्ट, वाट्सऐप फेसबुक मैसेंजर के जरिए अश्लील वीडियो कॉल कर ब्लैकमेलिंग, साइबर बुलिंग, ट्रोलिंग, ऑनलाइन फ्रॉड एटीएम का सुरक्षित उपयोग, एटीएम कार्ड नंबर, सीवीवी नंबर, ओटीपी, शेयर नहीं करने, अनजान लिंक पर क्लिक करने से बचने जैसे साइबर अपराधों से बचाव के लिए जानकारी साझा की गई।साइबर सुरक्षा संबंधी पोस्ट किए जाएंगे साझा
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साइबर सुरक्षा संबंधी संदेश, वीडियो और पोस्ट साझा किए जाएंगे। नुक्कड़ नाटक, शॉर्ट वीडियो, स्टोरी मेकिंग और अन्य गतिविधियों के माध्यम से भी बालोद पुलिस जन जागरुकता फैला रही है। यह भी पढ़ें