2008 से 2020 तक नक्सली वारदात के 14 मामले
जिले में 2008 से 2020 तक नक्सली हमले व वारदात के 14 मामले सामने आए हैं। नक्सल क्षेत्र कांकेर, राजनांदगांव से लगा होने एवं छिटपुट नक्सल गतिविधियों के कारण 2008 में जिले के थाना बालोद, राजहरा, डौंडी, डौंडीलोहारा, महामाया, देवरी, गुरुर एवं चौकी संजारी पिनकापार को नक्सल प्रभावित क्षेत्र के रूप में शामिल किया था। नक्सली महामाया माइंस में सुरक्षा बलों से बारूद की लूट, जंगल में सर्चिंग कर रहे जवानों को नुकसान पहुंचाने टिफिन बम विस्फोट एवं घटना को अंजाम दे चुके हैं। लंबे समय से जिले में नक्सली गतिविधि नहीं होने की वजह से 2021 में जिले को नक्सल प्रभावित जिले से मुक्त घोषित किया है। यह भी पढ़ें
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2008 से 2020-21 तक हुई वारदातें
1750 किलो बारूद लूट लिया था- 2 मार्च 2008 को महामाया माइंस में 1750 किलो बारूद ले जा रहे वाहन को 25 से 30 वर्दीधारी नक्सलियों ने लूट लिया था।
वाहन को विस्फोट से उड़ाया
- 8 जून 2008 को 25 से 30 वर्दीधारी नक्सलियों ने पेट्रोलिंग से लौट रहे वाहन को महामाया मार्ग आड़ेझर के पास विस्फोट से उड़ा दिया था।
- 2010 में 23-24 दिसम्बर की रात्रि को 20 से 25 वर्दीधारी नक्सलियों ने ग्राम नलकसा के राम भरोसा दुग्गा की हत्या कर दी थी।
- 10 सितंबर 2017 को तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की सभा के एक दिन पहले नक्सलियों ने बम्हनी के पास जंगल मार्ग में 2 लीटर प्रेशर कुकर बम लगाया था, जिसे सुरक्षा बलों ने डिस्पोज किया था।