मना करने के बाद भी कर लिया था कब्जा
ग्रामीणों के मना करने के बाद भी लोगों ने जानबूझकर कब्जा कर लिया था। लगातार शिकायत के बाद शुक्रवार को राजस्व व पुलिस प्रशासन ने कब्जा हटाया दिया। गांव में तनाव की स्थिति न बने, इसलिए पुलिस बल भी तैनात था। ग्रामीणों ने जताई खुशी
इस कार्रवाई पर ग्रामीणों ने खुशी जाहिर की। पुलिस एवं राजस्व प्रशासन की टीम का आभार माना। मामले को लेकर गांव में आए दिन विवाद की स्थिति निर्मित हो रही थी।
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इन के कब्जे हटाए गए
गांव के विष्णु प्रसाद, चोवा राम, सखाराम, शिवकुमार, सुखनंदन, छन्नू लाल, भरोसा राम, बंशी लाल, खिलावन, पुरानिक, युगल किशोर, मेहतरु राम, भोजराम, श्रवण कुमार, रमेश कुमार, रामहू, सुरेन्द्र कुमार के कब्जों को हटाया गया।
नोटिस के बाद भी नहीं हटा रहे थे कब्जा
जानकारी मिल रही है कि इन लोगों को कई बार कब्जा हटाने नोटिस जारी हो चुका है। लेकिन हर नोटिस को अनदेखा किया गया। अंतिम नोटिस देने के बाद भी कब्जा नहीं हटाया।
पूर्व सरपंच ने दी थी आबादी जमीन
पूर्व सरपंच ने अपने कार्यकाल में 2019 में 47 लोगों आबादी आवंटन किया था। इसके लिए ग्रामीणों और पंचायत प्रतिनिधियों से सहमति नहीं ली थी। ग्रामीणों ने राजस्व विभाग में शिकायत की थी। 2021 में स्टे लगाया था। स्टे के बावजूद 47 में से 17 लोगों ने अवैध कब्जा कर नींव की खुदाई व मकान निर्माण किया, लेकिन सभी अधूरा था।
जांच के बाद हटाया गया कब्जा
गुंडरदेही एसडीएम सुरेश कुमार साहू ने बताया कि इस मामले में 17 लोगों ने अवैध कब्जा किया था। इस पर नियम व कड़ी जांच के बाद कब्जा हटाया गया। शुक्रवार को राजस्व विभाग व पुलिस प्रशासन के सहयोग से अतिक्रमण हटाया गया।