स्कूल लगभग बनकर तैयार
मूकबधिर स्कूल लगभग बनकर तैयार हो चुका है। हॉस्टल का निर्माण कार्य जारी है। एक अप्रैल से अस्तित्व में आ जाएगा और प्रवेश प्रकिया शुरू की जाएगी। सपने में आते थे भगवान श्री पाश्र्वनाथ, इसलिए प्रतिमा लगाई
यह प्रतिमा स्थापित करने के विषय पर सुल्तानमल सजनादेवी चैरिटेबल ट्रस्ट के डायरेक्टर डॉ. मूलचंद बाफना ने बताया कि उनके स्वप्न में तीन दिन तक लगातार भगवान पाश्र्वनाथ की प्रतिमा दिखाई दी, तब उन्होंने गुरु महाराज को यह बात बताई। गुरु महाराज ने कहा कि आप एक मूर्ति स्थापित कीजिए, तब उन्होंने उस स्वप्न के आधार पर हूबहू भगवान की प्रतिमा का स्कैच बनवाया। उस स्कैच के आधार पर राजस्थान के जयपुर जाकर मूर्तिकार से प्रतिमा बनवाकर इसकी स्थापना मूकबधिर स्कूल में करवाई।
मूकबधिर स्कूल लगभग बनकर तैयार हो चुका है। हॉस्टल का निर्माण कार्य जारी है। एक अप्रैल से अस्तित्व में आ जाएगा और प्रवेश प्रकिया शुरू की जाएगी। सपने में आते थे भगवान श्री पाश्र्वनाथ, इसलिए प्रतिमा लगाई
यह प्रतिमा स्थापित करने के विषय पर सुल्तानमल सजनादेवी चैरिटेबल ट्रस्ट के डायरेक्टर डॉ. मूलचंद बाफना ने बताया कि उनके स्वप्न में तीन दिन तक लगातार भगवान पाश्र्वनाथ की प्रतिमा दिखाई दी, तब उन्होंने गुरु महाराज को यह बात बताई। गुरु महाराज ने कहा कि आप एक मूर्ति स्थापित कीजिए, तब उन्होंने उस स्वप्न के आधार पर हूबहू भगवान की प्रतिमा का स्कैच बनवाया। उस स्कैच के आधार पर राजस्थान के जयपुर जाकर मूर्तिकार से प्रतिमा बनवाकर इसकी स्थापना मूकबधिर स्कूल में करवाई।
दिव्यांग बच्चों को शिक्षित करना उद्देश्य
ट्रस्ट के मेंबर गौतम बाफना और अरुण बाफना ने बताया कि हमारा उद्देश्य कई ऐसे दिव्यांग बच्चे हैं, जो साधन के अभाव में पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे बच्चों को खोज कर उनको शिक्षा दिलाएंगे, ताकि वे शिक्षा से वंचित न रह जाए। इसलिए मूकबधिर स्कूल का निर्माण कर रहे हैं।
ट्रस्ट के मेंबर गौतम बाफना और अरुण बाफना ने बताया कि हमारा उद्देश्य कई ऐसे दिव्यांग बच्चे हैं, जो साधन के अभाव में पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे बच्चों को खोज कर उनको शिक्षा दिलाएंगे, ताकि वे शिक्षा से वंचित न रह जाए। इसलिए मूकबधिर स्कूल का निर्माण कर रहे हैं।