पांच साल पहले किए गए प्रयास आज भी सफलतापूर्वक संचालित हो रहे हैं। बड़ी बात यह है कि गांव में तीसरी आंख से निगरानी के बाद गांव में चोरी, रात में अप्रिय घटना भी नहीं घटी है। इस विशेष प्रयास को देखते हुए दो साल पहले जिला प्रशासन ने इस गांव को उत्कृष्ट ग्राम पंचायत के रूप में पुरस्कृत भी किया था।
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कैमरा लगने के बाद नहीं हुए अपराध
ग्राम पंचायत सरपंच लेखराज प्रीतम ने बताया कि यह पहल खुले में शौच को रोकने के लिए की गई थी, लेकिन सीसीटीवी लगाने के कई फायदे हो रहे हैं। जबसे कैमरा लगा है, तबसे गांव में कोई चोरी या फिर आपराधिक घटनाएं नहीं घटी हैं और गांव भी सुरक्षित है।
पूरे गांव के गली-मोहल्लों पर नजर
इस गांव में ग्राम पंचायत ने 16 सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। इस सभी कैमरे की मॉनिटरिंग ग्राम पंचायत करती है। हर रोज सुबह 10 बजे सभी फुटेजों की निगरानी की जाती है। गांव की इस बेहतर गतिविधियों की वजह से आज यह गांव पूरे जिले में एक आदर्श के रूप में जाना जाता है।
चीन, मलेशिया तक कापसी की खबर
सरपंच लेखराज प्रीतम ने बताया कि जब गांव में कैमरा लगाया गया था, तब इस हाईटेक गांव की खबर पूरे जिले में हुई। एक न्यूज संस्था ने इस गांव की खबर चलाई तो इस गांव का प्रसारण चीन व मलेशिया में भी हुआ।
खुले में शौच करने पर 500 रुपए दंड
ग्राम पंचायत में लगभग 1500 लोग निवासरत हैं। यही नहीं सभी लोग एकजुट होकर गांव को बेहतर ग्राम बनाने का प्रयास कर रहे हैं। ग्रामीणों का यह प्रयास अभी तक सफल भी रहा है। इस गांव में खुले के शौच करने पर भी प्रतिबंध है। कोई खुले में शौच करते पाया तो उसे 500 रुपए दंड लिया जाता है।