ट्रेन की चपेट में आई युवती की दर्दनाक मौत
मौके पर पहुंची पुलिस बनाया पंचनामा
बालाघाट। ट्रेन की चपेट में आने से एक १६ वर्षीय युवती की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। घटना शुक्रवार को दोपहर बालाघाट से कटंगी ट्रेन रूट पर घटित हुई है। पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार गोंदिया से कटंगी ट्रेन 6 अप्रैल की दोपहर करीब 3 बजे बालाघाट स्टेशन के करीब ही गर्रा रेलवे फाटका के पास से गुजर रही थी। इस दौरान फाटक के नजदीक ही एक एक युवती ट्रेन की चपेट में आ गई। जिससे उसकी घटना स्थल पर ही मौत हो गई। जानकारी लगते ही मौके पर कोतवाली पुलिस पहुंची। वहीं मौके पर राहगीरों व वाहन चालकों की भीड़ भी एकत्रित हो गई थी। इस कारण यातायात व्यवस्था भी प्रभावित हुई। पुलिस ने पंचनामा कार्रवाई करते हुए मृतिका युवती की शिनाख्त गर्रा निवासी योगमाया पिता शंकर उइके के रूप में की है। मृतिका के शव को जिला अस्पताल में लाया गया। यहां पीएम के बाद शव परिजनों को सौंप गया है। शव लेने जिला अस्पताल पहुंचे मृतिका के पिता शंकर उइके ने बताया कि योगमाया उसकी पहली पत्नी की संतान है। उसकी पहली पत्नी की मौत हो जाने के बाद उसने दूसरी शादी की है। जिसके साथ वह गर्रा में ही रहता है। वहीं योगमाया बालाघाट शहर मुख्यालय में रहकर घरेलू कामकाज कर अपना जीवन जी रही थी। शंकरलाल के अनुसार कभी कभी रूपए पैसा या किसी सामग्री की जरूरत पडऩे पर योगमाया उनके पास आया करती थी। शुक्रवार को उन्हें जानकारी लगी की योगमाया की ट्रेन से कटकर मौत हो गई है। इसके बाद वे जिला अस्पताल पहुंचे हैं। पुलिस व शंकरलाल के अनुसार योगमाया ट्रेन की चपेट में कैसे आई या उसने खुदखुशी की है कारण अज्ञात है।
बहरहाल प्रत्यक्ष दर्शियों की माने तो योगमाया ट्रेन आने के कुछ देर पूर्व से ही घटना स्थल पर घूम रही थी जो शायद ट्रेन आने का ही इंतजार कर रही होगी। जैसे ही ट्रेन फाटक के सामने से गुजरी तो योगमाया ने ट्रेन के सामने कूदक आत्महत्या कर ली।
राजीव सागर बांध का पानी छोडऩे सौंपा ज्ञापन
बालाघाट. कटंगी क्षेत्र की वृहद सिंचाई परियोजना राजीव सागर बांध का पानी बावनथड़ी नदी एवं नहरों में छोडऩे के लिए पठार संघर्ष समिति के बेनर तले क्षेत्र के किसानों ने कलेक्टर कार्यालय में पहुंचकर ज्ञापन सौंपा है। किसानों से मिली जानकारी अनुसार गोरेघाट, बड़पानी, भोड़की, महकेपार, कोड़बी, दिग्धा, आजनबिहरी, रामजीटोला, जामुनटोला, सिवनहेटी, बम्हनी, बोनकट्टा, हरदोली, पुलपुट्टा, छतेरा, टेकाड़ी, शंकरपिपरिया, चिचोली, डोगरिया, मोवाड़ सहित अन्य दर्जनों गांवों को बांध का पानी मिलने पर कृषि कार्य में सहूलियत मिलेगी।
ज्ञापन में किसानों ने बताया कि अल्पवर्षा के कारण बावनथड़ी नदी अक्टूबर माह में ही सूख गई है। जिससे भूमि का जलस्तर बहुत कम हो गया है और करीब ९० प्रतिशत कुएं सहित अन्य जलस्रोत बोरवेल, तालाब सूखने की कगार पर है। क्षेत्र में संचालित समस्त पंचायतों की नल-जल योजनाएं बंद होने की स्थिति में आ चुकी है। वहीं सैकड़ों किसान जिन्होंने बावनथड़ी नदी के आसपास फसल लगाई थी, वह भी बर्बाद हो रही है। वहीं जंगल में वन्यप्राणी पीने के पानी को तरस रहे हैं।
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