225 को दिलाई पुलिस सहायता
वन स्टॉप सेंटर चूंकि आपात कालीन और गैर आपातकालीन सहायता महिलाओं को मुहैया करता है, इसी कड़ी में आपात कालीन सहायता हेतु शासन से संचालित 181 महिला हेल्प लाइन के माध्यम से कुल 225 आपातकालीन स्थिति में महिलाओं को पुलिस विभाग और स्वास्थ्य विभाग के समन्वय से त्वरित सहायता मुहैया कराई गई है।
वन स्टॉप सेंटर चूंकि आपात कालीन और गैर आपातकालीन सहायता महिलाओं को मुहैया करता है, इसी कड़ी में आपात कालीन सहायता हेतु शासन से संचालित 181 महिला हेल्प लाइन के माध्यम से कुल 225 आपातकालीन स्थिति में महिलाओं को पुलिस विभाग और स्वास्थ्य विभाग के समन्वय से त्वरित सहायता मुहैया कराई गई है।
महिलाओं को मिल रहा नया जीवन
प्रशासक रचना चौधरी के अनुसार वन स्टॉप सेंटर में सर्वाधिक प्रकरण घरेलू हिंसा से प्रताडि़त महिलाओं के प्राप्त होते हैं। सर्वप्रथम दोनों पक्षों को निरंतर परामर्श के माध्यम से कई घर और परिवारों को बिखरने से बचाया जाता है। इसी प्रकार किसी कारणवश गलत रास्ता चुन लिया या भटक गई महिलाओं के प्रकरण को भी परामर्श उपरांत पुन: परिवार और समाज में पुर्नस्थापित कर नया जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित कर उन्हें शासन की विभिन्न योजनाओं से जोडकऱ कौशल विकास और रोजगार से जुडऩे का बढ़ावा दिया जा रहा है।
प्रशासक रचना चौधरी के अनुसार वन स्टॉप सेंटर में सर्वाधिक प्रकरण घरेलू हिंसा से प्रताडि़त महिलाओं के प्राप्त होते हैं। सर्वप्रथम दोनों पक्षों को निरंतर परामर्श के माध्यम से कई घर और परिवारों को बिखरने से बचाया जाता है। इसी प्रकार किसी कारणवश गलत रास्ता चुन लिया या भटक गई महिलाओं के प्रकरण को भी परामर्श उपरांत पुन: परिवार और समाज में पुर्नस्थापित कर नया जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित कर उन्हें शासन की विभिन्न योजनाओं से जोडकऱ कौशल विकास और रोजगार से जुडऩे का बढ़ावा दिया जा रहा है।
एमपीटी का भी मिला सहयोग
प्रशासक रचाना चौधरी के अनुसार हिंसा पीडि़त महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने समय समय पर मप्र टूरिज्म बोर्ड का सहयोग मिलता रहा है। एमपीटी की महिला सेफ टूरिज्म के तहत हिंसा पीडि़त महिलाओं को आपरेटर, जिप्सी चालक, ई रिक्शा, फूट प्रोसेसिंग जैसे प्रशिक्षण भी दिए गए हैं। करीब 150 से अधिक महिलाएं वर्तमान में प्रशिक्षण से संबंधित जॉब कर स्वयं का भरण पोषण भी कर पा रहीं हैं।
प्रशासक रचाना चौधरी के अनुसार हिंसा पीडि़त महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने समय समय पर मप्र टूरिज्म बोर्ड का सहयोग मिलता रहा है। एमपीटी की महिला सेफ टूरिज्म के तहत हिंसा पीडि़त महिलाओं को आपरेटर, जिप्सी चालक, ई रिक्शा, फूट प्रोसेसिंग जैसे प्रशिक्षण भी दिए गए हैं। करीब 150 से अधिक महिलाएं वर्तमान में प्रशिक्षण से संबंधित जॉब कर स्वयं का भरण पोषण भी कर पा रहीं हैं।
वर्सन
वन स्टॉप सेंटर घरेलू हिंसा से प्रताडि़त महिलाओं के साथ अन्य मामलों में भी महिलाओं के लिए काफी मददगार साबित हुआ है। महिलाएं बेझिझक हमसें संपर्क कर मदद मांग सकती है।
रचना चौधरी, कार्यालय प्रशासक
वन स्टॉप सेंटर घरेलू हिंसा से प्रताडि़त महिलाओं के साथ अन्य मामलों में भी महिलाओं के लिए काफी मददगार साबित हुआ है। महिलाएं बेझिझक हमसें संपर्क कर मदद मांग सकती है।
रचना चौधरी, कार्यालय प्रशासक
फैक्ट फाइल-
वर्ष प्रकरण आश्रय, विधिक परामर्श, एफ पुलिस आए चिकित्सा सहायता आईआर सहायत
2018-19 136 011 62 71 08
2019-20 504 308 82 51 68
2020-21 1684 1030 68 20 106
2021-22 436 305 12 54 22
2022-23 546 455 67 19 25
2023-24 407 359 63 10 46
कुल योग- 3713 2457 354 225 275
वर्ष प्रकरण आश्रय, विधिक परामर्श, एफ पुलिस आए चिकित्सा सहायता आईआर सहायत
2018-19 136 011 62 71 08
2019-20 504 308 82 51 68
2020-21 1684 1030 68 20 106
2021-22 436 305 12 54 22
2022-23 546 455 67 19 25
2023-24 407 359 63 10 46
कुल योग- 3713 2457 354 225 275