बालाघाट. एमएमसी (महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़) जोन में नक्सलियों की संख्या काफी कम हो गई है। बीते कुछ वर्षों में मुठभेड़ में हार्डकोर नक्सलियों को जवानों ने मार गिराया है। जिसके कारण दलम भी काफी कमजोर हो गया है। कमजोर दलम को मजबूत करने और ग्रामीणों में अपनी पैठ बढ़ाने के लिए बारिश के दिनों में योजना तैयार कर रहे हैं। इन्हीं योजनाओं को विफल करने पुलिस ने फिर से कमर कस ली है। पुलिस ने इसके लिए रणनीति भी तैयार की है। ताकि नक्सली अपने मंसूबों पर कामयाब न हो सकें।
जानकारी के अनुसार एमएमसी जोन में मौजूदा समय में दो डिवीजन सक्रिय है। जिसमें जीआरबी (गोंदिया, राजनांदगांव व बालाघाट) और केबी (कान्हा, भोरमदेव) डिवीजन शामिल है। इस पूरे जोन में करीब 80 की संख्या में ही नक्सली बचे हैं। जिसमें ज्यादातर नक्सली दूसरे राज्यों के हैं। दूसरे राज्यों के नक्सली ही बालाघाट जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में अपना मूवमेंट बनाए हुए है।
जीआरबी डिवीजन में मलाजखंड, दर्रेकसा दलम सक्रिय
जीआरबी डिवीजन में मौजूदा समय में मलाजखंड, दर्रेकसा दलम ही सक्रिय है। जबकि टांडा दलम में नक्सलियों की संख्या काफी कम हो गई है। जिसके चलते टांडा दलम के नक्सली कभी मलाजखंड तो कभी दर्रेकसा दलम के साथ भ्रमण करते रहते हैं। दरअसल, पुलिस ने मुठभेड़ में हार्डकोर नक्सलियों को मार गिराया था। जिसके चलते इन तीनों ही दलम में नक्सलियों की संख्या काफी कम हो गई है।
केबी डिवीजन में खटिया मोचा, भोरम देव दलम की है सक्रियता
कान्हा भोरम देव दलम (केबी डिवीजन) में दो एरिया कमेटी दलम सक्रिय है। जिसमें खटिया मोचा दलम और भोरम देव दलम शामिल है। जबकि विस्तार दलम, प्लाटून दलम में नक्सलियों की संख्या कम हुई है। वहीं मोतीनाला क्षेत्र में सक्रिय में दलम में भी कम संख्या में ही नक्सली बचे हैं। जिसके चलते इन दलमों के नक्सली भोरम देव और खटिया मोचा के साथ भ्रमण करते हैं।
दो वर्षों में मुठभेड़ में डीवीसीएम रैंक के मारे गए तीन हार्डकोर नक्सली
जिले में नक्सल उन्मूलन में पुलिस जवान लगातार सक्रिय हैं। एसपी समीर सौरभ के नेतृत्व में जवानों ने पिछले दो वर्षों में बड़ी सफलता हासिल की है। दो वर्षों में तीन डीवीसीएम रैंक के तीन नक्सलियों को मार गिराया है। डीवीसीएम रैंक के नक्सलियों के मारे जाने से दलम काफी कमजोर हुआ है। जून 2022 में हुई मुठभेड़ में जवानों ने नागेश को मौत के घाट उतारा था। वहीं नवंबर 2023 में हुई मुठभेड़ में गणेश मारा गया था। जबकि अप्रेल 2024 में हुई मुठभेड़ में साजंती की मौत हुई है। तीनों हार्डकोर नक्सलियों का मारा जाना पुलिस के लिए बड़ी सफलता है। तीनों ही खूंखार नक्सलियों के पास से तीन एके-47 बंदूक भी जब्त की गई थी।
पुलिस ऑपरेशन में कर रहे नवाचार
नक्सलियों के मंसूबों को नाकाम करने के लिए पुलिस भी अपनी रणनीति बदलते रहती है। पुलिस ऑपरेशन के लिए नवाचार भी करते रहती है। समय के साथ-साथ रणनीति भी बदलते जा रहे हैं। गोरिल्ला वार कर नक्सलियों को ढेर करने का कार्य भी किया जा रहा है। ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए पुलिस अपने सूचना तंत्र को काफी मजबूत कर रही है। ताकि ऑपरेशन पूरी तरह से सफल हो सके।
बारिश में नक्सली करते हैं बैठके
मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ी राज्य की सीमा में नक्सलियों की पकड़ धीरे-धीरे कम होते जा रही है। जवानों की सक्रियता के चलते नक्सली बैकफुट पर आ गए हैं। बारिश के दिनों में नक्सली अपने दलम का विस्तार करने के लिए बैठकें करते हैं। लेकिन जंगलों में लगातार हो रही सर्चिंग और जवानों की सक्रियता के चलते नक्सली अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पा रहे हैं।
इनका कहना है
मुठभेड़ में हार्डकोर नक्सलियों के मारे जाने के बाद से एमएमसी जोन में नक्सलियों की संख्या काफी कम हो गई है। जीआरबी, केबी डिवीजन में ही नक्सली संयुक्त रुप से अपनी सक्रियता बनाए हुए है। पूरे एमएमसी जोन में करीब 80 नक्सलियों की मौजूदगी बनी हुई है। नक्सलियों के मंसूबों को विफल करने पुलिस भी विशेष रणनीति तैयार की है। ऑपरेशन में नवाचार कर नक्सलियों को ढेर करने का कार्य किया जा रहा है।
-संजय सिंह, आइजी, बालाघाट जोन
जानकारी के अनुसार एमएमसी जोन में मौजूदा समय में दो डिवीजन सक्रिय है। जिसमें जीआरबी (गोंदिया, राजनांदगांव व बालाघाट) और केबी (कान्हा, भोरमदेव) डिवीजन शामिल है। इस पूरे जोन में करीब 80 की संख्या में ही नक्सली बचे हैं। जिसमें ज्यादातर नक्सली दूसरे राज्यों के हैं। दूसरे राज्यों के नक्सली ही बालाघाट जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में अपना मूवमेंट बनाए हुए है।
जीआरबी डिवीजन में मलाजखंड, दर्रेकसा दलम सक्रिय
जीआरबी डिवीजन में मौजूदा समय में मलाजखंड, दर्रेकसा दलम ही सक्रिय है। जबकि टांडा दलम में नक्सलियों की संख्या काफी कम हो गई है। जिसके चलते टांडा दलम के नक्सली कभी मलाजखंड तो कभी दर्रेकसा दलम के साथ भ्रमण करते रहते हैं। दरअसल, पुलिस ने मुठभेड़ में हार्डकोर नक्सलियों को मार गिराया था। जिसके चलते इन तीनों ही दलम में नक्सलियों की संख्या काफी कम हो गई है।
केबी डिवीजन में खटिया मोचा, भोरम देव दलम की है सक्रियता
कान्हा भोरम देव दलम (केबी डिवीजन) में दो एरिया कमेटी दलम सक्रिय है। जिसमें खटिया मोचा दलम और भोरम देव दलम शामिल है। जबकि विस्तार दलम, प्लाटून दलम में नक्सलियों की संख्या कम हुई है। वहीं मोतीनाला क्षेत्र में सक्रिय में दलम में भी कम संख्या में ही नक्सली बचे हैं। जिसके चलते इन दलमों के नक्सली भोरम देव और खटिया मोचा के साथ भ्रमण करते हैं।
दो वर्षों में मुठभेड़ में डीवीसीएम रैंक के मारे गए तीन हार्डकोर नक्सली
जिले में नक्सल उन्मूलन में पुलिस जवान लगातार सक्रिय हैं। एसपी समीर सौरभ के नेतृत्व में जवानों ने पिछले दो वर्षों में बड़ी सफलता हासिल की है। दो वर्षों में तीन डीवीसीएम रैंक के तीन नक्सलियों को मार गिराया है। डीवीसीएम रैंक के नक्सलियों के मारे जाने से दलम काफी कमजोर हुआ है। जून 2022 में हुई मुठभेड़ में जवानों ने नागेश को मौत के घाट उतारा था। वहीं नवंबर 2023 में हुई मुठभेड़ में गणेश मारा गया था। जबकि अप्रेल 2024 में हुई मुठभेड़ में साजंती की मौत हुई है। तीनों हार्डकोर नक्सलियों का मारा जाना पुलिस के लिए बड़ी सफलता है। तीनों ही खूंखार नक्सलियों के पास से तीन एके-47 बंदूक भी जब्त की गई थी।
पुलिस ऑपरेशन में कर रहे नवाचार
नक्सलियों के मंसूबों को नाकाम करने के लिए पुलिस भी अपनी रणनीति बदलते रहती है। पुलिस ऑपरेशन के लिए नवाचार भी करते रहती है। समय के साथ-साथ रणनीति भी बदलते जा रहे हैं। गोरिल्ला वार कर नक्सलियों को ढेर करने का कार्य भी किया जा रहा है। ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए पुलिस अपने सूचना तंत्र को काफी मजबूत कर रही है। ताकि ऑपरेशन पूरी तरह से सफल हो सके।
बारिश में नक्सली करते हैं बैठके
मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ी राज्य की सीमा में नक्सलियों की पकड़ धीरे-धीरे कम होते जा रही है। जवानों की सक्रियता के चलते नक्सली बैकफुट पर आ गए हैं। बारिश के दिनों में नक्सली अपने दलम का विस्तार करने के लिए बैठकें करते हैं। लेकिन जंगलों में लगातार हो रही सर्चिंग और जवानों की सक्रियता के चलते नक्सली अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पा रहे हैं।
इनका कहना है
मुठभेड़ में हार्डकोर नक्सलियों के मारे जाने के बाद से एमएमसी जोन में नक्सलियों की संख्या काफी कम हो गई है। जीआरबी, केबी डिवीजन में ही नक्सली संयुक्त रुप से अपनी सक्रियता बनाए हुए है। पूरे एमएमसी जोन में करीब 80 नक्सलियों की मौजूदगी बनी हुई है। नक्सलियों के मंसूबों को विफल करने पुलिस भी विशेष रणनीति तैयार की है। ऑपरेशन में नवाचार कर नक्सलियों को ढेर करने का कार्य किया जा रहा है।
-संजय सिंह, आइजी, बालाघाट जोन