समय पर शाला नहीं पहुंचे शिक्षक, चारों शिक्षकों को जारी हुआ नोटिस
बालाघाट. समय पर शिक्षकों को शाला नहीं पहुंचना महंगा पड़ गया। दरअसल, पत्रिका में प्रकाशित खबर के बाद विभाग ने चारों लापरवाह शिक्षकों को नोटिस जारी कर तीन दिन के भीतर जवाब मांगा है। संतोषप्रद जवाब नहीं देने पर उनकी एक वेतन वृद्धि रोकने की कार्रवाई की जाएगी। पत्रिका ने चार अगस्त के अंक में समय पर शाला नहीं पहुंचे शिक्षक, खेलते रहे बच्चे नामक शीर्षक से खबर का प्रकाशन किया था। जिसे सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग बालाघाट ने गंभीरता से लिया। वहीं खबर प्रकाशन के बाद चारों लापरवाह शिक्षकों को नोटिस जारी कर दिया है। मामला उकवा क्षेत्र के शासकीय माध्यमिक शाला उमरिया का है।
विभाग द्वारा शासकीय माध्यमिक शाला उमरिया के उच्च श्रेणी शिक्षक डीके भारद्वाज, डीके वड़ीचार, महेश कुमार लिल्हारे और एसके चौरसिया प्रभारी प्रधान पाठक को नोटिस जारी किया गया है। जिसमें तीनों उच्च श्रेणी शिक्षकों को अपने पदीय दायित्वों के क्रियान्वयन में रुचि नहीं लेने, गैर जिम्मेदाराना रुप से अपनी मनमर्जी से शाला का संचालन करने सहित अन्य विषयों को लेकर फटकार भी लगाई है। वहीं प्रभारी प्रधानपाठक एसके चौरसिया को भी जिम्मेदार पद पर होते हुए इस तरह पदीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरतने की बात कही गई है। नोटिस के माध्यम से उन्हें तीन दिनों के भीतर अपना जवाब प्रस्तुत करने कहा गया है।
उल्लेखनीय है कि शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला संकुल टंटाटोला छपरवाही के अंतर्गत माध्यमिक शाला उमरिया में ३ अगस्त को चार शिक्षक समय पर शाला नहीं पहुंचे थे। जिसमें माध्यमिक शाला उमरिया के प्रधान पाठक एसके चौरसिया, डीके भारद्वाज उच्च श्रेणी शिक्षक, डीके वड़ीचार उच्च श्रेणी शिक्षक और महेश कुमार लिल्हारे माध्यमिक शिक्षक समय पर शाला नहीं पहुंच पाए थे। जिसके कारण सुबह ११ बजे तक विद्यार्थी मैदान में खेल रहे थे। विद्यालय के छात्र-छात्राओं, नवनिर्वाचित सरपंच और पालकों ने भी बताया कि उक्त चारों शिक्षक रोजाना ११ बजे के बाद ही शाला पहुंचते हैं। जबकि शासन के आदेश के तहत उन्हें सुबह 10.30 बजे विद्यालय पहुंचना होता है। इसके बाद 10.50 बजे शाला में प्रार्थना करना होता है। लेकिन ये चारों शिक्षक इतने लापरवाह है कि शासन के आदेश की अवहेलना करते हुए नजर आए। इसी मामले को पत्रिका ने ४ अगस्त के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया था। खबर प्रकाशन के बाद सहायक आयुक्त जनजातीय विभाग ने इसे गंभीरता से लिया। चारों शिक्षकों को नोटिस जारी कर तीन दिनों के भीतर जवाब मांगा है।