जिले में सरकारी स्कूलों के हालात दयनीय हैं। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पदस्थ शिक्षक कभी स्कूल से नदारद रहते हैं तो कभी शराब पीकर ही स्कूल आ जाते हैं। इसका ताजा उदाहरण किरनापुर तहसील के कोसमदेही गांव की प्राथमिक स्कूल में सामने आया। यहां प्रधानपाठक के पद पर पदस्थ पन्नालाल ढोक ने शिक्षा के मंदिर को लगभग मयखाना बनाकर रख दिया है। वैसे तो हेडमास्टर होने की वजह से इनके कांदों पर इलाके के बच्चों के भविष्य की बड़ी जिम्मेदारी है, लेकिन लेकिन अफसोस ये है कि, ये अपनी जिम्मेदारी से कोसों दूर शिक्षा के मंदिर को मयखाना बनाए हुए हैं। यही नहीं, चिकन पार्टी के शौकीन पन्नालाल ढोक ने स्कूल में ही 2 मुर्गे भी पाल रखे हैं।
होडमास्टर की करतूत
मास्टर साहब शराब के नशे में इस कदर धुत हैं कि, इन्होंने स्कूल के साथ साथ परिसार से बाहर सड़क पर तमाशा खड़ा कर रखा है। सामने आई तस्वीरें देख इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि, ये शख्स नशे में कितना धुत होगा कि, इसे न तो पाव में जूते – चप्पल पहनने का होश है और न ही पेंट की जिप लगाने का। वहीं इन पर स्कूल में बच्चों और अतिथि शिक्षक के साथ अभद्र व्यवहार करने के भी गंभीर आरोप हैं।
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ग्रामीणों ने किया विरोध
जब मामले की सूचना ग्रामीणों को लगी तो सरपंच समेत कुछ लोग स्कूल पहुंचे और प्रधान पाठक की करतूत देखकर दंग रह गए। जहां ग्रामीणों ने उनका विरोध किया तो ये प्रधान पाठक स्कूल में ही चप्पलें छोड़कर नंगेपांव भाग खड़े हुए और सड़क पर तमाशा करने लगे।
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