बालाघाट

लोकार्पण के इंतजार में धूल फांक रही महापुरुषों की प्रतिमाएं

महापुरुषों का यह कैसा सम्मान-
प्रतिमाओं पर जमी पड़ी है धूल की मोटी परत

बालाघाटOct 26, 2024 / 03:22 pm

mukesh yadav

प्रतिमाओं पर जमी पड़ी है धूल की मोटी परत

बालाघाट. धर्मनगरी लांजी के चौक-चौराहों पर लगी महापुरुषों की प्रतिमाएं इन दिनों धूल फांक रही है। जनप्रतिनिधि, सामाजिक संगठनों के अलावा आमजन भी इन प्रतिमाओं के मान सम्मान को लेकर गंभीर नहीं है। परिणाम स्वरूप उपेक्षा का शिकार होकर यह अपना मूल स्वरूप खो रही है। बताया गया कि प्रतिमाओं का लोकार्पण नहीं होने के कारण इन संरक्षण व देखरेख नहीं हो पा रहा है। कारण यहीं है कि इन प्रतिमाओं पर धूल की मोटी परत जम गई है। प्रतिमाओं के आसपास गंदगी का अंबार लगा हुआ है। देश की आजादी दिलाने से लेकर देश में आर्थिक और सामाजिक बदलाव लाने के लिए अपना सब कुछ अर्पित करने वाले इन महापुरुषों की प्रतिमाओं की दुर्दशा से तय है कि इन्हें स्थापित करने अथवा करवाने वाले जनप्रतिनिधियों और संगठनों का उद्देश्य इनके प्रति आदर भाव कम और श्रेय की राजनीति करना अधिक है।
यहां दो साल से ढकी पड़ी प्रतिमा
नगर के वार्ड 5 कोटेश्वर चौक में नगर परिषद लांजी ने बिरसा मुंडा की प्रतिमा लगभग दो वर्ष पूर्व स्थापित की है। लेकिन इसका रख रखाव तो दूर लोकार्पण तक आज दिनांक तक नहीं हो पाया है। सूत्रों के अनुसार आगामी 15 नवंबर को नगर के मुख्य चौराहों में स्थापित इन प्रतिमाओं का लोकार्पण किया जाना है। लेकिन नगरवासियों के मन में यह सवाल कौंध रहा है की लाखों की लागत लगाने के बाद भी अब तक लोकार्पण क्यों नहीं किया गया। जबकि बिरसा मुंडा की प्रतिमा के आसपास हरे भरे वृक्ष और पार्क जैसी व्यवस्था बनाने का भी प्रस्ताव प्रतिमा स्थापना के समय जानकारी में आया था।
रानी अवंतीबाई के भी यहीं हालात
नगर के एकमात्र रानी अवंतीबाई स्टेडियम के सामने भी विशालकाय रानी अवंतीबाई की प्रतिमा स्थापित की गई है। करीब दो वर्षों से अधिक समय से यह प्रतिमा भी अपनी दुर्दशा और लोकार्पण के इंतजार में आंसू बहाने विवश है। विभागीय जानकारों के अनुसार दोनों ही प्रतिमाओं के लोकार्पण में वनविभाग का अनापत्ति प्रमाण पत्र न मिलना भी रोड़ा साबित हो रहा है। दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है की उक्त दोनों ही प्रतिमाओं के लोकार्पण के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री को आमंत्रित किया जाना था। लेकिन चुनावी वर्ष और चुनाव आ जाने के कारण लोकार्पण का यह कार्यक्रम ठंडे बस्ते में चला गया। इसके बाद से इन प्रतिमाओं का लोकार्पण के साथ-साथ रखरखाव में भी नगर परिषद सुस्ती करने लगा है।
वर्सन
दोनो ही प्रतिमाओं के लोकार्पण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र देने का मामला मेरे संज्ञान में कुछ समय पूर्व ही आया था। लेकिन अनापत्ति प्रमाण पत्र देना मेरे अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत नहीं आता है। यह जानकारी मेरे द्वारा वरिष्ठ स्तर पर विभागीय अधिकारियों को भेज दी गई है। अब इस पर क्या कार्रवाई आगे बढ़ी है, मैं शीघ्र ही सूचित करूंगा।
राकेश अडकऩे, एसडीओ वनविभाग लांजी

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