बालाघाट. राजस्व महाभियान-2 की सफलता के लिए शुक्रवार को अधिकारी निरीक्षण पर पहुंचे। इस दौरान सालेटेका, माटे के पटवारी को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए।
शुक्रवार को कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा ने अभियान की वस्तुस्थिति का जायजा लेने के लिए किरनापुर क्षेत्र का निरीक्षण किया। इस दौरान वे ग्राम पंचायत दहेली, माटे, सालेटेका और मोहगांव खुर्द पहुंचे। जहां बी-1 वाचन, फौती नामांतन, समग्र आइडी, ई-केवायसी की जानकारी ली। माटे गांव में फौती नामांतरण के मामले में कलेक्टर दो आवेदकों के घर पहुंचकर जानकरी ली। कलेक्टर ने आवेदकों से कहा कि उन्होंने दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए है। उन्हें शीघ्र जमा करें। तब प्रकरण का निराकरण होगा। इसी तरह शुक्रवार को ही अपर कलेक्टर जीएस धुर्वे ने न्यायालय का निरीक्षण किया। जहां विभिन्न पंजियों में दर्ज प्रकरणों की वस्तुस्थिति का अवलोकन किया। संयुक्त कलेक्टर केसी ठाकुर ने खैरलांजी, तिरोड़ी और कटंगी के नायब व तहसीलदार न्यायालयों का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर डॉ मिश्रा ने सालेटेका के पटवारी विनय सोनवाने व माटे के पंकज गौतम को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। इन दोनों पटवारी ने फौती नामांतरण के प्रकरणों को ऑनलाइन दर्ज नहीं किया था। इसके बाद प्रकरण के संबंध में आवेदक के घर भी जाकर वस्तुस्थिति का जायजा लिया।
शुक्रवार को कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा ने अभियान की वस्तुस्थिति का जायजा लेने के लिए किरनापुर क्षेत्र का निरीक्षण किया। इस दौरान वे ग्राम पंचायत दहेली, माटे, सालेटेका और मोहगांव खुर्द पहुंचे। जहां बी-1 वाचन, फौती नामांतन, समग्र आइडी, ई-केवायसी की जानकारी ली। माटे गांव में फौती नामांतरण के मामले में कलेक्टर दो आवेदकों के घर पहुंचकर जानकरी ली। कलेक्टर ने आवेदकों से कहा कि उन्होंने दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए है। उन्हें शीघ्र जमा करें। तब प्रकरण का निराकरण होगा। इसी तरह शुक्रवार को ही अपर कलेक्टर जीएस धुर्वे ने न्यायालय का निरीक्षण किया। जहां विभिन्न पंजियों में दर्ज प्रकरणों की वस्तुस्थिति का अवलोकन किया। संयुक्त कलेक्टर केसी ठाकुर ने खैरलांजी, तिरोड़ी और कटंगी के नायब व तहसीलदार न्यायालयों का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर डॉ मिश्रा ने सालेटेका के पटवारी विनय सोनवाने व माटे के पंकज गौतम को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। इन दोनों पटवारी ने फौती नामांतरण के प्रकरणों को ऑनलाइन दर्ज नहीं किया था। इसके बाद प्रकरण के संबंध में आवेदक के घर भी जाकर वस्तुस्थिति का जायजा लिया।