बालाघाट

मनरेगा-45 करोड़ रुपए का भुगतान अटका

32 करोड़ रुपए से अधिक मजदूरी का नहीं हो पाया भुगतानपरेशान हो रहे मजदूर, ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा रोजगारविकास कार्यों की गति में लग रहा ब्रेक

बालाघाटJan 27, 2024 / 10:13 pm

Bhaneshwar sakure


बालाघाट. जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण योजना (मनरेगा) का 45 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान अटका पड़ा हुआ है। जिसमें 32 करोड़ रुपए से अधिक मजदूरी तो 12 करोड़ रुपए से अधिक सामग्री मद की राशि शामिल है। इधर, भुगतान नहीं होने से मजदूर परेशान हो रहे हैं। विकास कार्यों की गति में ब्रेक लग रहा है। ग्रामीणों को रोजगार नहीं मिलने से वे परेशान हो रहे हैं। महिनों से भुगतान अटकने के कारण ग्रामीणों का मनरेगा से मोहभंग होने लगा है।
जानकारी के अनुसार जिले के 10 जनपद पंचायतों में कुल 45 करोड़ 5 लाख 2 हजार रुपए का लंबित है। जिसमें जनपद पंचायत बैहर में 5 करोड़ 44 लाख 60 हजार रुपए, बालाघाट में 3 करोड़ 55 लाख 50 हजार रुपए, बिरसा में 6 करोड़ 57 लाख 3 हजार रुपए, कटंगी में 4 करोड़ 37 लाख 87 हजार रुपए, खैरलांजी में 3 करोड़ 36 लाख 7 हजार रुपए, किरनापुर में 3 करोड़ 90 लाख 49 हजार रुपए, लालबर्रा में 5 करोड़ 11 लाख 69 हजार रुपए, लांजी में 3 करोड़ 81 लाख 38 हजार रुपए, परसवाड़ा में 5 करोड़ 54 लाख 79 हजार रुपए और वारासिवनी में 3 करोड़ 28 लाख 82 हजार रुपए का भुगतान लंबित है।
सबसे अधिक लालबर्रा में मजदूरी भुगतान लंबित
जिले के 10 जनपद पंचायतों में 32 करोड़ रुपए से अधिक का मजदूरी का भुगतान लंबित है। जानकारी के अनुसार जिले में 32 करोड़ 71 लाख 27 हजार रुपए का भुगतान नहीं हो पाया है। इसमें सबसे अधिक जनपद पंचायत लालबर्रा का 42 करोड़ 3 लाख रुपए का भुगतान लंबित है। वहीं सबसे कम जनपद पंचायत खैरलांजी का 22 करोड़ 7 लाख रुपए का भुगतान होना शेष है।
12 करोड़ रुपए से अधिक सामग्री का भुगतान लंबित
जिले के 10 जनपद पंचायतों में 12 करोड़ 33 लाख 75 हजार रुपए का भुगतान लंबित है। इसमें सबसे अधिक भुगतान जनपद पंचायत बिरसा का 2 करोड़ 43 लाख रुपए लंबित है। इसी तरह सबसे कम जनपद पंचायत लांजी का 38 लाख रुपए का भुगतान लंबित है।
रोजगार नहीं मिलने से पलायन कर रहे ग्रामीण
इधर, मनरेगा से रोजगार नहीं मिलने के कारण ग्रामीण रोजगार के लिए पलायन कर रहे है। दरअसल, ग्राम पंचायतों में पूर्व में मनरेगा से कार्य तो हुए है। लेकिन उसका भुगतान महिनों तक नहीं हो पा रहा है। जिसकी वजह से ग्रामीणों का मनरेगा से मोह भंग होते जा रहा है। अब ग्रामीण कृषि कार्य से निवृत्त होने के बाद रोजगार की तलाश में पलायन करने लगे हैं।
करीब चार माह से नहीं हो पाया है भुगतान
जिले में मनरेगा के तहत करीब 4 माह से भुगतान नहीं हो पाया है। शासन के पास बजट की कमी के चलते मनरेगा का भुगतान अटका पड़ा हुआ है। जिसके कारण ग्राम पंचायतों से भी मजदूरों को भुगतान नहीं किया जा रहा है।
भुगतान के लिए चक्कर काट रहे ग्रामीण
मनरेगा से भुगतान नहीं होने की वजह से एक तो ग्रामीण परेशान है। वहीं भुगतान के लिए अब पंचायतों के चक्कर काट रहे है। पंचायत पदाधिकारी भी ग्रामीणों को बजट नहीं होने और भुगतान होने का आश्वासन दे रहे है।

Hindi News / Balaghat / मनरेगा-45 करोड़ रुपए का भुगतान अटका

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.