हादसे का बना रहता है भवन
यहां अध्ययनरत विद्यार्थियों ने बताया कि वर्तमान में जिस सामुदायिक भवन में स्कूल संचालन किया जा रहा है वह भी धीरे धीरे कर काफी जर्जर हो गया है। बारिश होने पर छत से पानी टिपकता है। वहीं प्लास्टर झडकऱ गिरता है। खासकर तूफान बारिश के समय जर्जर भवन की दीवारे ढहने की आशंका बनी रहती है। लेकिन कोई वैकल्पि व्यवस्था नहीं होने के कारण मजबूरन बच्चे भय के साए में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
यहां अध्ययनरत विद्यार्थियों ने बताया कि वर्तमान में जिस सामुदायिक भवन में स्कूल संचालन किया जा रहा है वह भी धीरे धीरे कर काफी जर्जर हो गया है। बारिश होने पर छत से पानी टिपकता है। वहीं प्लास्टर झडकऱ गिरता है। खासकर तूफान बारिश के समय जर्जर भवन की दीवारे ढहने की आशंका बनी रहती है। लेकिन कोई वैकल्पि व्यवस्था नहीं होने के कारण मजबूरन बच्चे भय के साए में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
51 बच्चों पर तीन शिक्षक
प्राथमिक स्कूल उमरियां में अव्यवस्थाओं के कारण यहां लगातार बच्चों की संख्या भी कम होते जा रही है। स्कूल प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में यहां एक से पांचवी तक 51 बच्चों पर तीन शिक्षक पदस्थ है। एक मात्र कमरा होने के कारण सभी शिक्षक एक के बाद बच्चों को पढ़ाया करते हैं। जब पहली के बच्चों को पढ़ाया जाता है तो मजबूरन कक्षा चार के बच्चों को भी पहली कक्षा का पाठ्यक्रम पढऩा पड़ता है।
प्राथमिक स्कूल उमरियां में अव्यवस्थाओं के कारण यहां लगातार बच्चों की संख्या भी कम होते जा रही है। स्कूल प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में यहां एक से पांचवी तक 51 बच्चों पर तीन शिक्षक पदस्थ है। एक मात्र कमरा होने के कारण सभी शिक्षक एक के बाद बच्चों को पढ़ाया करते हैं। जब पहली के बच्चों को पढ़ाया जाता है तो मजबूरन कक्षा चार के बच्चों को भी पहली कक्षा का पाठ्यक्रम पढऩा पड़ता है।
किचन शेड की भी नहीं व्यवस्था
कक्षाओं के संचालन के अलावा स्कूल में कीचन शेड की भी बेजा कमी बनी हुई है। बताया गया कि वर्तमान में यहां टीन की टपरी बनाकर उसमें बच्चों के लिए भोजन तैयार किया जाता है। वर्षो से रंग रोंगन नहीं होने सामुदायिक भवन व कीचन शेड खंडहर के रूप में नजर आते हैं। स्वच्छता का भी अभाव यहां नजर आता है। रसाइयां अब यहां लकड़ी से चुल्हे पर मध्यान भोजन बनाती है। अब तक यहां रसोई गैस सिलेंडर व चुल्हे की व्यवस्था नहीं बन पाई है।
कक्षाओं के संचालन के अलावा स्कूल में कीचन शेड की भी बेजा कमी बनी हुई है। बताया गया कि वर्तमान में यहां टीन की टपरी बनाकर उसमें बच्चों के लिए भोजन तैयार किया जाता है। वर्षो से रंग रोंगन नहीं होने सामुदायिक भवन व कीचन शेड खंडहर के रूप में नजर आते हैं। स्वच्छता का भी अभाव यहां नजर आता है। रसाइयां अब यहां लकड़ी से चुल्हे पर मध्यान भोजन बनाती है। अब तक यहां रसोई गैस सिलेंडर व चुल्हे की व्यवस्था नहीं बन पाई है।
पसीने से तरबतर होते हैं बच्चे
यहां पदस्थ शिक्षक एआर कटरे ने बताया सामुदायिक भवन में बिजली की व्यवस्था भी नहीं है। वर्तमान में बारिश का क्रम बंद होने पर गर्मी बढ़ गई है। ऐसे में दिनभर बच्चे और स्कूल स्टॉफ भी पसीने से तरबतर होकर शिक्षण कार्य करते व करवाते हैं। गर्मी बढऩे से खासकर बच्चों को परेशानी होती है, जिन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पालकगण और शिक्षकों ने वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में अतिरिक्त कक्ष बनाए जाने की मांग की है।
यहां पदस्थ शिक्षक एआर कटरे ने बताया सामुदायिक भवन में बिजली की व्यवस्था भी नहीं है। वर्तमान में बारिश का क्रम बंद होने पर गर्मी बढ़ गई है। ऐसे में दिनभर बच्चे और स्कूल स्टॉफ भी पसीने से तरबतर होकर शिक्षण कार्य करते व करवाते हैं। गर्मी बढऩे से खासकर बच्चों को परेशानी होती है, जिन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पालकगण और शिक्षकों ने वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में अतिरिक्त कक्ष बनाए जाने की मांग की है।
वर्सन
स्कूल में काफी समस्याएं बनी हुई है। खासकर सुसज्जित भवन और बिजली की दरकार बनी हुई है। वर्तमान जहां कक्षाएं लगाई जा रही है वह भवन भी जर्जर हो गया है। नया भवन स्वीकृत हुआ है। लेकिन उसका काम पूर्ण नहीं किया गया है।
एआर कटरे, प्राथमिक शिक्षक
स्कूल में काफी समस्याएं बनी हुई है। खासकर सुसज्जित भवन और बिजली की दरकार बनी हुई है। वर्तमान जहां कक्षाएं लगाई जा रही है वह भवन भी जर्जर हो गया है। नया भवन स्वीकृत हुआ है। लेकिन उसका काम पूर्ण नहीं किया गया है।
एआर कटरे, प्राथमिक शिक्षक
36 लाख से नया स्कूल भवन बनाया जा रहा है। वर्तमान समय तक प्रथम किस्त के रूप में 18 लाख 6 हजार रुपए प्राप्त हुए थे, जिससे आधा निर्माण कार्य हो गया है। दूसरी किस्त के लिए पत्र व्यवहार किया गया है। राशि नहीं मिलने से काम रुका हुआ है।
रामेश्वरी पंद्रे, सरपंच उमरियां
रामेश्वरी पंद्रे, सरपंच उमरियां