बालाघाट

भारत बंद का असर-बालाघाट भी पूरी तरह से रहा बंद, थमे रहे वाहनों के पहिए, प्रतिष्ठानों के नहीं खुले ताले

भारत बंद का असर बालाघाट जिले में भी रहा। सुबह से लेकर शाम तक यात्री वाहनों के पहिए थमे रहे। प्रतिष्ठानों के ताले नहीं खुले। बंद के चलते जगह-जगह सन्नाटा पसरा रहा। प्रदर्शनकारियों ने शांतिपूर्ण ढंग से रैली निकालकर नगर भ्रमण किया। आंबेडकर चौक में सभा को संबोधित किया। बालाघाट. भारत बंद का असर बालाघाट […]

बालाघाटAug 21, 2024 / 09:45 pm

Bhaneshwar sakure

व्यापारिक प्रतिष्ठानों के नहीं खुले ताले।

भारत बंद का असर बालाघाट जिले में भी रहा। सुबह से लेकर शाम तक यात्री वाहनों के पहिए थमे रहे। प्रतिष्ठानों के ताले नहीं खुले। बंद के चलते जगह-जगह सन्नाटा पसरा रहा। प्रदर्शनकारियों ने शांतिपूर्ण ढंग से रैली निकालकर नगर भ्रमण किया। आंबेडकर चौक में सभा को संबोधित किया।
बालाघाट. भारत बंद का असर बालाघाट जिले में भी रहा। सुबह से लेकर शाम तक यात्री वाहनों के पहिए थमे रहे। प्रतिष्ठानों के ताले नहीं खुले। बंद के चलते जगह-जगह सन्नाटा पसरा रहा। प्रदर्शनकारियों ने शांतिपूर्ण ढंग से रैली निकालकर नगर भ्रमण किया। आंबेडकर चौक में सभा को संबोधित किया। वहीं सुरक्षा के लिहाज से जगह-जगह पुलिस बल तैनात रहा। यह पूरा प्रदर्शन आरक्षण बचाओ संयुक्त मोर्चा के बेनर तले किया गया।
आरक्षण बचाओ संयुक्त मोर्चा के आव्हान पर बुधवार को बंद का असर पूरे जिले में रहा। बालाघाट शहर के अलावा वारासिवनी, कटंगी, खैरलांजी, लालबर्रा, परसवाड़ा, बैहर, बिरसा, किरनापुर, लांजी सहित अन्य स्थानों पर बंद पूरी तरह से रहा। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने शांतिपूर्वक प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद उन्होंने अपनी मांगों का ज्ञापन अपने-अपने मुख्यालय में अधिकारियों को सौंपा।
प्रदर्शनकारियों के अनुसार 1 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने एसटी एससी आरक्षण में उपवर्गीकरण और क्रीमी लेयर कानून बनाने की बात कही। इस कानून के तहत एसटी और एससी वर्ग के उन लोगों को आरक्षण देने का समर्थन किया गया है जिन्हें अब तक आरक्षण नहीं मिला है। वहीं इस कानून के तहत जिन्हें पहले आरक्षण मिल चुका है, उनके परिजनों को आरक्षण नहीं दिए जाने की बात कही गई है। सुप्रीम कोर्ट के इसी फैसले और क्रीमी लेयर कानून के विरोध में अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति सहित विभिन्न संगठनों ने भारत बंद का आव्हान किया था। जिसके तहत बुधवार को बालाघाट पूरी तरह से बंद रहा।
नहीं चली यात्री बसें
बुधवार को सुबह से लेकर शाम तक यात्री बसों का संचालन नहीं हुआ। जिसके कारण मुसाफिरों, राहगीरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। सुबह के वक्त बस स्टैंड में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे, लेकिन बसों का संचालन नहीं होने के चलते उन्हें अपने-अपने साधनों से ही गंतव्य स्थल तक रवाना होना पड़ा।
पूरे दिन बंद रहे व्यापारिक प्रतिष्ठान
बालाघाट बंद के चलते पूरे दिन व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। व्यापारियों ने भी बंद को अपना समर्थन दिया था। जिसके चलते किसी भी प्रकार की दुकानें नहीं खुली। जिसके चलते लोग जरुरत की सामग्रियों के लिए भटकते हुए नजर आए। इस बंद के दौरान केवल इमरजेंसी सेवाएं ही शुरु रही।
जगह-जगह पुलिस बल रहा तैनात
प्रदर्शन के दौरान जगह-जगह पुलिस बल तैनात रहा। हालांकि, प्रदर्शन पूरी तरह से शांतिपूर्ण ढंग से हुआ। बावजूद इसके किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पुलिस बल तत्पर था।
आंबेडकर चौक में हुई सभा
प्रदर्शनकारियों ने दोपहर में रैली निकाली। नगर भ्रमण के बाद यह रैली आंबेडकर चौकी पहुंची। जहां एक सभा का आयोजन किया गया। इस सभा को विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों ने संबोधित किया। सभी ने न्यायालय के फैसले का विरोध जताया। आरक्षण को यथावत रखे जाने की मांग की।

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