बालाघाट

वन्य प्राणी संरक्षण पुरस्कार से नवाजे गए धर्मेंद्र मोहारे

राज्यपाल के हसते

बालाघाटOct 07, 2024 / 08:28 pm

mukesh yadav

राज्यपाल के हसते

लांजी। प्रदेश में हर वर्ष वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कर्मचारियों को सरकार की ओर से सम्मानीत किया जाता है। इस वर्ष भी मप्र के समस्त टाईगर रिजर्व और वनमंडल में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कर्मचारियों का चयन कर उन्हें सम्मानीत किया गया। इसी कड़ी में स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स भोपाल में कार्यरत वनरक्षक धर्मेंद्र मोहारे को वन्य प्राणी संरक्षण पुरस्कार से सम्मानीत किया गया। ये कार्यक्रम भोपाल के वनविहार राष्ट्रीय उद्यान में आयोजित हुआ। स्वयं राज्यपाल मंगुभाई पटले ने धर्मेंद्र मोहारे को सम्मानीत किया। इसके साथ ही 50 हजार रुपए का चेक एवं प्रशस्ति पत्र भी दिया गया। धर्मेन्द्र मोहारे मूलत: पेंडरई बालाघाट के निवासी हैं और लम्बे समय तक वन विभाग लांजी में वनरक्षक के पद पर रहते हुए सेवाएं दी हैं।
बता दे हर साल वन विभाग 1 से 7 अक्टूबर तक राज्य स्तरीय वन्य जीव सप्ताह मानता है। इस मौके पर वन विभाग वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए कई प्रकार के जागरूकता अभियान भी चलाता है। इसी कार्यक्रम का 7 अक्टूबर को भोपाल वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में समापन हुआ।
कई महत्वपूर्ण टास्क किए पूरे
धर्मेंद्र मोहरे का कार्य क्षेत्र न केवल टाइगर रिजर्व, राष्ट्रीय उद्यान, अभ्यारण तक ही सीमित है। बल्कि संरक्षित के बाहर भी कई महत्वपूर्ण टास्क में शामिल होते हंै। इनके कार्यक्षेत्र में पूरा मप्र शामिल है और ये इकाईया वन्यप्राणी मुख्यालय के कंट्रोल में काम करती है। जिस तरह पुलिस विभाग की एटीएस, एसटीएफ, सीआईडी समेत कई टास्क एजेंसियां है। धर्मेंद्र मोहरे जिस इकाई में काम कर रहे हंै, उस वन्यप्राणी संरक्षण कार्य की सराहना न केवल प्रदेश, देश बल्कि देश के बाहर भी की गई है। इनकी यूनिट की तारीफ इंटरपोल ने भी 03 बार की है। इन इकाई में पदस्थ अमले को वन्यप्राणी अन्वेषण के उच्च कोटि का कार्य करने के कारण प्रदेश स्तर, देश स्तर एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया है।
धर्मेंद्र मोहरे का कार्य क्षेत्र न केवल टाइगर रिजर्व, राष्ट्रीय उद्यान, अभ्यारण तक ही सीमित है। बल्कि संरक्षित के बाहर भी कई महत्वपूर्ण टास्क में शामिल होते हंै। इनके कार्यक्षेत्र में पूरा मप्र शामिल है और ये इकाईया वन्यप्राणी मुख्यालय के कंट्रोल में काम करती है। जिस तरह पुलिस विभाग की एटीएस, एसटीएफ, सीआईडी समेत कई टास्क एजेंसियां है। धर्मेंद्र मोहरे जिस इकाई में काम कर रहे हंै, उस वन्यप्राणी संरक्षण कार्य की सराहना न केवल प्रदेश, देश बल्कि देश के बाहर भी की गई है। इनकी यूनिट की तारीफ इंटरपोल ने भी 03 बार की है। इन इकाई में पदस्थ अमले को वन्यप्राणी अन्वेषण के उच्च कोटि का कार्य करने के कारण प्रदेश स्तर, देश स्तर एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया है।

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