शिवलिंग का निर्माण कर की पूजा
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन महादेव ने प्रदोष काल में अर्धनारीश्वर के रूप में त्रिपुरासुर का वध किया। माना जाता है कि कार्तिक मास के इस दिन दीप दान करने से पूर्वजों को मुक्ति मिलती है। इस दिन स्नान, दान और ध्यान विशेष फलदायी होता है। इस तिथि के स्वामी स्वयं चन्द्रदेव है। इस तिथि को सूर्य और चन्द्रमा समसप्तक होते है। इस तिथि पर जल और वातावरण में विशेष ऊर्जा आ जाती है। इसलिए नदियों और सरोवरों में स्नान किया जाता है। कार्तिक पूर्णिमा के स्नान से नौ ग्रहों की कृपा आसानी से मिल सकती है। धार्मिक परंपरा के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा पर लोगों ने वैनगंगा के पावन जलधारा में स्नान कर दीपदान किया। नदी किनारे रेत से पार्थिव शिवलिंग का निर्माण किया और पूजा अर्चना की। विधिविधान से दीपदान किया।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन महादेव ने प्रदोष काल में अर्धनारीश्वर के रूप में त्रिपुरासुर का वध किया। माना जाता है कि कार्तिक मास के इस दिन दीप दान करने से पूर्वजों को मुक्ति मिलती है। इस दिन स्नान, दान और ध्यान विशेष फलदायी होता है। इस तिथि के स्वामी स्वयं चन्द्रदेव है। इस तिथि को सूर्य और चन्द्रमा समसप्तक होते है। इस तिथि पर जल और वातावरण में विशेष ऊर्जा आ जाती है। इसलिए नदियों और सरोवरों में स्नान किया जाता है। कार्तिक पूर्णिमा के स्नान से नौ ग्रहों की कृपा आसानी से मिल सकती है। धार्मिक परंपरा के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा पर लोगों ने वैनगंगा के पावन जलधारा में स्नान कर दीपदान किया। नदी किनारे रेत से पार्थिव शिवलिंग का निर्माण किया और पूजा अर्चना की। विधिविधान से दीपदान किया।
मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए दीपदान
वैनगंगा नदी में परिवार के साथ पहुंची श्रद्धालु सीता चौरागड़े ने बताया कि वह वर्षो से कार्तिक पूर्णिमा में परिवार के साथ दीपदान करने आती है। यहां स्नान के बाद विधिविधान से भगवान शंकर का पूजन करने के बाद दीपदान किया जाता है। कार्तिक पूर्णिमा में नदी के पावन जल में स्नान और दीपदान का विशेष महत्व है। परिवार की सुख समृद्धि खुशहाली के लिए मनोकामनाएं की जाती है।
वैनगंगा नदी में परिवार के साथ पहुंची श्रद्धालु सीता चौरागड़े ने बताया कि वह वर्षो से कार्तिक पूर्णिमा में परिवार के साथ दीपदान करने आती है। यहां स्नान के बाद विधिविधान से भगवान शंकर का पूजन करने के बाद दीपदान किया जाता है। कार्तिक पूर्णिमा में नदी के पावन जल में स्नान और दीपदान का विशेष महत्व है। परिवार की सुख समृद्धि खुशहाली के लिए मनोकामनाएं की जाती है।