बालाघाट. प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश दीपक कुमार त्रिपाठी की अदालत ने तीन पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। यह वारंट थाना प्रभारी कोतवाली के माध्यम से इन पुलिस अधिकारियों को तामिल कराया जाएगा।
जानकारी के अनुसार न्यायालय द्वारा बालाघाट में सीएसपी रहे और हाल ही में जिला दमोह में पदस्थ प्रवीण भूरिया, भोपाल गैंगरेप मामले में लापरवाही बरतने वाले हबीबगंज थाना प्रभारी रविन्द्र यादव और मौजूदा समय में कटंगी थाना में पदस्थ उपनिरीक्षक धनसिंह धुर्वे के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। इन सभी अधिकारियों को 21 दिसंबर को न्यायालय में साक्षी बयान के लिए उपस्थित होने के लिए वारंट जारी किया गया है। विदित हो कि वर्ष 2012 के एक प्रकरण में कमलेश और अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 386, 394, 147, 120 बी और ५ देह व्यापार अधिनियम के तहत मामला न्यायालय में विचाराधीन है। जिसमें में तीनों पुलिस अधिकारियों के साक्षी बयान होने हंै। लेकिन पिछले लगभग 4 माह से दो बार जमानती वारंट और समंस जारी हुआ था। लेकिन तीनों ही पुलिस अधिकारी न्यायालय में पेश नहीं हुए थे।
शासकीय अधिवक्ता मदनमोहन द्विवेदी के अनुसार पूर्व में थाना प्रभारी कोतवाली के माध्यम से जमानती वारंट तामील कराने के लिए प्रयास किए गए थे। जिसमें एक बार वारंट अदम तामिल होकर न्यायालय में पेश किया गया है। दूसरी बार अधिकारियों को वायरलेंस मेसेज व वाट्सअप मेसेज के माध्यम से जमानती वारंट तामिल कराने का प्रयास किया गया। बावजूद इसके वे 4 दिसंबर को साक्षी बयान के लिए अदालत में उपस्थित नहीं हुए। जिस संबंध में आरोपी पक्ष के वकील वर्णन श्रीवास्तव ने न्यायालय से अपील की कि उपरोक्त पुलिस अधिकारियों के साक्षी बयान न होने से मामला लंबित होता जा रहा है। जिसे संज्ञान में लेकर न्यायलय ने तीनों पुलिस अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
पुलिस अधिकारियों को कराया जाएगा तामिल
न्यायालय द्वारा पुलिस अधिकारियों के लिए जो गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है, उसे उनकी पदस्थापना स्थल पर तामिल कराया जाएगा। यह कोर्ट की एक प्रक्रिया है, जिसका पालन किया जाएगा।
-प्रशांत यादव, टीआई, कोतवाली बालाघाट
इस प्रकरण को पांच वर्ष हो चुके है, लेकिन साक्षी बयान नहीं हो पा रहे थे। जिसके चलते उनके पक्षकारी काफी परेशान हो रहे थे। न्यायालय को साक्षी बयान के लिए संबंधित पुलिस अधिकारियों को कोर्ट में उपस्थित होने गिरफ्तारी वारंट जारी करने की अपील की गई थी।
-वर्णन श्रीवास्तव, पक्षकार के अधिवक्ता
पुलिस अधिकारियों को साक्षी बयान के लिए न्यायालय द्वारा गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। इसके पूर्व इन अधिकारियों को समंस और जमानती वारंट जारी किया गया था। उसके बाद भी वे कोर्ट में हाजिर नहीं हुए थे।
-मदनमोहन द्विवेदी, शासकीय अधिवक्ता
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