गांव के लोगों का कहना है कि नागपंचमी के दिन गांव के मंदिर में रह रहे नाग के जोड़े में से नाग को ग्रामीणों ने मार डाला था। उस दिन से गुस्साई नागिन गांव में आतंक मचा रही है। इसके बाद स्थानीय लोगों ने सपेरों को बुलाया। सपेरा शरीफा का कहना है कि बारिश का मौसम है और यहां बड़ी संख्या में सांप है, हम सभी को पकड़ नहीं सकते। पीड़ितों का कहना है कि सोते समय उन्हें सर्प दंश का अहसास होता है, लेकिन उन्हें नागिन दिखाई नहीं देती है। हालत यह हैं कि झाड़-फूंक करने वाले भी गांव में जाने से कतरा रहे हैं। गांव में नागिन की दहशत है, जिसके चलते लोग बच्चों को रिश्तेदारी में भेज रहे हैं।