पर्यटकों के ठहरने के लिए थरुहट गेस्ट हाउस का है इंतजाम
मोतीपुर, मुर्तिहा, ककरहा, रमपुरवा, निशानगाड़ा के गेस्ट हाउस सैलानियों के लिये तैयार किया गया है। जहां ठहर कर पर्यटक जंगल के मनोरम दृश्यों का लुत्फ ले सकेंगे।
गेस्ट हाउस का शुल्क
थारूहट का चार सौ, डॉरमेट्री रूम एक हजार, बोटिंग 45 मिनट का एक हजार, सफारी के लिए 1500, आन लाइन बुकिंग करने पर 2500 रुपये शुल्क जमा करने होंगे।
इस तरह से कराएं गेस्ट हाउस की बुकिंग
अतिथि गृहों के आरक्षण के लिए बहराइच स्थित वन विभाग के डिवीजन कार्यालय पर प्रार्थना पत्र देने के साथ आन लाइन बुकिंग कराने के लिए वेब साइट www.upecotourism.in पर भी संपर्क कर सकते हैं।
कतर्निया जंगल में मौजूद दुलर्भ जानवरों का बायोडाटा
बाघ- 26, चीतल- 6000, तेंदुए- 70, सांभर-35, नीलगाय-1800, काकड़-200, गैंडा- 4, लंगूर-6000, डाल्फिन-70, घड़ियाल-400, पालतू हाथी-दो, गैंडा- 5, बारहसिंहा-75, जंगली हाथी-40, जंगली सुअर- 7000 व जंगल के बीच पेड़ों के 60 फीट बने ट्री हट।
कतर्निया आने का ये है रास्ता
कतर्निया आने के लिए लखनऊ या दूसरे शहरों से बसों के जरिए बहराइच पहुंचा जा सकता है। बहराइच से वन क्षेत्र के लिए टैक्सियां संचालित हैं। साथ ही निजी वाहनों से भी जंगल तक सीधे पहुंचा जा सकता है। DFO कतर्निया GP सिंह का कहना है कि कतर्नियाघाट की सैर पर आने वाले सैलानियों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए कर्मचारियों को तैनात किया गया है। जंगल क्षेत्र में पर्यटकों के भोजन आदि की व्यवस्था भी कैंटीन लगाकर की गई है। जंगल क्षेत्र में सफारी के दौरान गाइड और वन सुरक्षा कर्मी भी मुस्तैद होंगे जिससे कि सैलानियों को जंगल से रूबरू कराया जा सके।