ऐसे हुआ खुलासा- पीड़ित परिजनों के मुताबिक बीते 4 अक्टूबर को संदिग्ध हालात में गायब हुए मिंटू की गुमशुदगी की रिपोर्ट थाने पर 6 अक्टूबर को दर्ज हुई थी और जब 4 दिन बाद आज बुधवार को उसकी लाश बरामद हुई है। परिजनों का आरोप है कि थाना रामगांव की पुलिस ने शव को ठिकाने लगाने की अपनी तरफ से पूरी कोशिश की। मृतक की पत्नी अंजली वर्मा का आरोप है कि उनका पति ने ग्राम प्रधान व कोटेदार के भ्रष्टचार की कलई खोलने के लिये RTI डाली थी जिसको लेकर गांव के ग्राम प्रधान और कोटेदार के गुर्गों द्वारा उसे आये दिन जान से मारने की धमकी दी जा रही थी।
परिजनों ने की ये मांग- इस घटना कांड में पीड़ित परिवारीजन गांव में धरना देकर रामगांव के थानाध्यक्ष ब्रह्मानंद सिंह पर आरोपियों से मोटी रकम लेकर हत्या करवाने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही इस मामले की जांच किसी अन्य विवेचक से कराने के साथ ही आरोपी थानेदार को पद से हटाने की मांग की है।
एसपी ने दिया बयान- इस मामले में एसपी सभाराज ने कहा कि 4 नामजद आरोपियों के खिलाफ हत्या की संगीन धराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। घटना के पीछे आपसी रंजिश की बात सामने आई है। मृतक के बदन पर गहरे चोट के निशान भी मिले हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ सख्त से शख्त कार्रवाई की जाएगी।
सीएम योगी व पीएम मोदी से थे प्रभावित- मृतक मिंटू प्रसाद लोधी गांव के लोगों की आवाज बनकर RTI कार्यकर्ता की भूमिका के साथ ही देश के प्रधानमंत्री मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी से प्रभावित होकर भाजपा में बूथ अध्यक्ष की जिम्मेदारी पूरी लगन और ईमानदारी के साथ निभा रहे थे। उसकी हत्या का कारण जनहित में भ्रष्टाचार की कलई खोलने के लिये मांगा गया जन सूचना अधिकार(RTI) है। अब देखना है कि इस घटना कांड की जद में किन किन जिम्मेदारों की गर्दन नपती है।